लखनऊ: योगी सरकार ने 35,78,000 निराश्रित महिलाओं को बड़ी सौगात देते हुए बुधवार को उनके खातों में 3000 रुपये की पेंशन राशि (1000 प्रति माह) ट्रांसफर कर दी है. यह धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए लाभार्थियों को भेजी गई है. इस तिमाही में 47,800 नई लाभार्थियों को भी पहली बार योजना का लाभ दिया गया है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में 35,30,311 महिलाओं को यह लाभ मिला था. यह योजना पति की मृत्यु के बाद आर्थिक संकट झेल रही महिलाओं को आर्थिक सहारा देती है.
पात्र महिलाएं हो रही लाभान्वित
यह योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए है, जिनका जीवनसाथी अब इस दुनिया में नहीं रहा और जो स्वयं की आजीविका के लिए संघर्ष कर रही हैं. वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 28,56,821 महिलाओं को योजना का लाभ मिला है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 7,21,290 महिलाएं लाभान्वित हुई.
इनको मिला योजना का लाभ
योजना में अपनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया
लाभार्थी महिला के चयन में पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया गया है. आवेदन मिलने के बाद संबंधित विभाग 45 दिनों में दस्तावेजों की जांच करता है. उसके बाद खंड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी या नगर मजिस्ट्रेट स्तर पर 15 दिनों के भीतर अनुमोदन किया जाता है. इसके बाद जनपद स्तरीय अनुश्रवण व स्वीकृति समिति एक माह के भीतर अंतिम स्वीकृति देती है. अंतिम रूप से, एनआईसी और पीएफएमएस के सहयोग से पेंशन की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है.
ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं पर फोकस
महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक व पेंशन योजना के नोडल अधिकरी बीएस निरंजन ने बताया कि सरकार की इस योजना का विशेष फोकस ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं पर है. इन क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि पात्र महिलाएं योजना से वंचित न रहें. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 28,56,821 लाभार्थियों की पहचान की गई है.