लखनऊ : आम आदमी पार्टी यूपी के मुख्य प्रवक्ता वंशराज दुबे ने सोमवार को बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि 27000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश के लोगों में गुस्सा है. गांव-गांव में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
उन्होंने कहा कि योगी सरकार 27000 शराब की दुकानें खोलकर 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है. आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने देगी. योगी सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ आम आदमी पार्टी 2 जुलाई को प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी.
उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 1 साल में यूपी में 8 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ दी, अकेले अलीगढ़ में ही 58000 बच्चों ने सरकारी स्कूल की शिक्षा छोड़ दी.
उन्होंने कहा कि 26000 स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और अब 27000 स्कूल बंद हो रहे हैं, जिसके कारण प्रदेश सरकार न केवल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है, बल्कि इस फैसले से लगभग 1 लाख 35000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति, 27000 प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति और हजारों की संख्या में शिक्षामित्र की नियुक्ति भी प्रभावित होगी.
उन्होंने कहा कि जनता सरकार को इसलिए चुनती है कि सरकार जनता की बेहतरी के लिए काम करे, उनकी समस्याओं को सुलझाए, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार समस्याओं को सुलझाने की बजाय बच्चों के स्कूलों को ही खत्म करने में लगी है. सरकार तर्क दे रही है कि बच्चे कम आ रहे हैं, सवाल यह है कि बच्चों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी किसकी है?
उन्होंने कहा कि आरटीई एक्ट में लिखा है कि 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना चाहिए और अगर आबादी को देखते हुए वहां स्कूल खोला गया है, तो उसे बंद करने का क्या कारण है? वंशराज दुबे ने कहा कि आरटीई एक्ट के अनुसार, 6 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके उलट 27000 सरकारी स्कूलों को बंद करके प्रदेश की सरकार शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है.