जयपुर। राजस्थान की सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी हर दांव चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) अब बीजेपी के चुनावी अभियान को धार देने के लिए राजस्थान के रण में उतर रहे हैं। सीएम योगी राजस्थान के ‘योगी आदित्यनाथ’ कह लाने वाले बाबा बालकनाथ के नामांकन में शिरकत करेंगे और जनसभा को भी संबोधित करेंगे। योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) मुस्लिम बहुल मेवात इलाके से राजस्थान के चुनावी कैंपेन की शुरुआत कर रहे हैं, जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं?
बाबा बालकनाथ बनाम इमरान खान
बाबा बालकनाथ अलवर से सांसद हैं, लेकिन बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा रही है। ऐसे में तिजारा विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में गिनी जा रही है। बालकनाथ के खिलाफ कांग्रेस ने इमरान खान को उतारा है। इमरान पहले बसपा से टिकट पर चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे, लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटा तो वह कांग्रेस में शामिल होकर चुनावी रण में उतर गए। ऐसे में तिजारा सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई और सीएम योगी राजस्थान में बीजेपी के चुनाव प्रचार इसी क्षेत्र से कर रहे हैं।
सीएम योगी (CM Yogi) के जरिए हिंदुत्व का दांव
राजस्थान में बीजेपी खुलकर हिंदुत्व के पिच पर खेल रही है। सूबे में हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने का जिम्मा बालकनाथ है। 2019 में बाबा बालकनाथ ने अलवर लोकसभा सीट पर राजा जितेंद्र भंवर सिंह को चुनाव हराकर सांसद बने थे। अलवर का इलाका राजस्थान के मेवात में आता है, जो मुस्लिम बहुल माना जाता है। ऐसे में तिजारा सीट से बाबा बालकनाथ को चुनावी मैदान में उताराना और अब सीएम योगी को उनके नामांकन में भेजने के सियासी मायने साफ है।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) को हिंदुत्व का पोस्टर बॉय माना जाता है तो बाला बालकनाथ को बीजेपी ने राजस्थान में हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर प्रमोट कर रही है। यही वजह है कि सीएम योगी को मुस्लिम बहुल माने जाने वाले राजस्थान के मेवात इलाके में चुनाव प्रचार के लिए उतरकर हिंदुत्व का एजेंडा सेट करने की रणनीति बनाई है।
इससे पहले असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने राजस्थान में आक्रमक तरीके से हिंदुत्व का मुद्दा उठा चुके हैं और कांग्रेस पर तुष्टीकरण के आरोप भी लगाए थे। ऐसे में अब योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) बाबा बालक के नामांकन में शिरकत करने के साथ-साथ जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
मेवात में इमरान खान की मजबूत पकड़
मेवात का इलाका मुस्लिम बहुल माना जाता है, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है। मेवात इलाके में इमरान खान की मजबूत पकड़ मानी जाती है। यही वजह है कि बसपा ने इमरान खान का टिकट काटा तो कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया। ऐसे में तिजारा सीट पर बालकनाथ और इमरान के बीच कांटे का मुकाबला हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस पिछले दो चुनावों से तिजारा सीट पर हार का मूंह देख चुकी है।
कांग्रेस ने अपने पुराने दिग्गज नेता दुर्रू मियां को साइड लाइन किया और उन्हें इस बार चुनावी मैदान में भी नहीं उतारा। 2018 में तिजारा सीट से बसपा के टिकट पर जीतने वाले संदीप कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर इमरान को उतारा है। इस तरह से कांग्रेस मुस्लिम दांव खेला है तो बीजेपी ने बाबा बालकनाथ पर भरोसा जताया है। 2013 में मामन सिंह यादव ने तिजारा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार टिकट ना दिए जाने की वजह से वो नाराज हैं। निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। मामन सिंह यादव अगर चुनावी मैदान में उतरते हैं तो मुकाबला रोचक हो सकता है?
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