लखनऊ: नगर निगम चुनाव (Nikay Chunav) के पहले चरण में 10 सीटों पर महापौर व पार्षद पद के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भले ही आखिरी वक्त में अपने उम्मीदवार घोषित किए, लेकिन टिकट दिया तो कार्यकर्ताओं को। योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के काम और कार्यकर्ताओं की ताकत के बलबूते शहरों में फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
नौ मंडलों की 10 सीटों पर काम का ईनाम मिलने से कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर की नगर निगम सीटों पर चार मई को मतदान होगा। वहीं कार्यकर्ताओं को पहला नागरिक बनाने का संकल्प लेने वाली भाजपा ने विपक्षियों के परिवारवाद पर फिर करारी चोट की है।
छह वर्ष में विकासपरक नीति से योगी ने बनाई यूपी की पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की विकासपरक नीति निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में भाजपा की वैतरणी पार करने के लिए सबसे कारगर होगी। योगी आदित्यनाथ के छह वर्ष के कार्यकाल में 2.61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर 10 करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है। पूरे प्रदेश को ओडीएफ घोषित किया गया। नगरीय क्षेत्रों में 8,99,634 व्यक्तिगत व 69,381 सामुदायिक सावर्जनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में यूपी को 2020 में 20 और 2021 में 37 अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं। अमृत 2.0 मिशन के तहत योगी सरकार के प्रयास से 32 हजार करोड़ के कार्य भारत सरकार ने स्वीकृत किए।
1000 अमृत सरोवरों का कार्य पूर्ण किया गया। विकास के दृष्टिगत यूपी सरकार ने 113 नए निकायों का गठन किया। यही नहीं, पीएम आवास योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में 17 लाख 5 हजार से अधिक आवासों का निर्माण योगी के यूपी में हुआ। शहरी लाभार्थियों के खातों में पारदर्शी व निष्पक्ष रूप से 27,727 करोड़ रुपये ऑनलाइन हस्तांतरित किए गए। सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लगभग 10 लाख लोगों को ऋण उपलब्ध कराया। इस योजना के क्रियान्वयन व ऋण वितरण में यूपी अन्य राज्यों की तुलना में शीर्ष पर है। इसके अतिरिक्त भेदभाव रहित अन्य विकास कार्यों से योगी ने योजनाओं का लाभ सबसे निचले तबके तक पहुंचाने के साथ ही यूपी को शीर्षस्थ भी बना दिया है।
कार्यकर्ताओं को टिकट दे परिवारवादी पार्टियों पर फिर तमाचा
छह वर्ष में योगी सरकार के विकास कार्य आमजन तक पहुंचे हैं। इसमें शासन-प्रशासन के साथ ही कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी भूमिका का निर्वहन किया। अब बारी पार्टी की थी तो लिहाजा कार्यकर्ताओं को इसका पुरस्कार भी मिला। बूथ-बूथ तक विकास कार्यों को पहुंचाने वाली भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ताओं को ही शहर का पहला नागरिक बनाने के संकल्प को चरितार्थ किया। वहीं अन्य विपक्षी दल परिवारवाद के दायरे से नहीं निकल सके। सपा ने जहां अपने विधायकों के परिवार वालों को टिकट दिया।
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