आगरा: उत्तर प्रदेश में धर्मस्थलों से जुड़े विवाद का एक अदालती मामला सामने आया है। इसमें आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्तियां दबे होने का दावा किया गया है। याचिकाकर्ता महेंद्रप्रताप ने ये याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई होगी। महेंद्र प्रताप ने आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्तियों के दबे होने के तथ्य अदालत में पेश किए हैं। महेंद्र प्रताप ने जल्द से जल्द सीढ़ियों की खुदाई कर मूर्तियों को बाहर निकालने की अदालत से प्रार्थना की है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद जैसे केस पहले भी अदालत में चल रहे हैं। ज्ञानवापी मस्जिद शृंगार गौरी मंदिर केस भी अदालत में है।
न्यायालय सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद मामला तो अदालत में चल ही रहा है। साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी मस्जिद शृंगार गौरी मंदिर का केस भी निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट तक चल रहा है। इसको लेकर ठाकुर केशव देव और अन्य विग्रहों के मामले में सुनवाई भी आज होगी।
अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह (Mahendra Pratap Singh) का दावा है कि ये विग्रह (मूर्तियां) ठाकुर केशव देव जी की हैं, जिन्हें मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि से निकाला गया था और आगरा में शाही जामा मस्जिद के नीचे दबा दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से केंद्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के सचिव, पुरातत्व विभाग यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक, एएसआई मथुरा के निदेशक, आगरा के सुपरिटेंडेंड आर्कियोलॉजिस्ट को नोटिस भेजा गया था।
इसके बाद सिविल जज आगरा की कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1670 में ठाकुर केशव देव जी का मंदिर ध्वस्त करा दिया था और उसकी मूर्ति बेगम साहिबा कुदसिय बेगम मस्जिद (Begum Sahiba Qudsia Begum Mosque) की सीढ़ियों के नीचे दफना दी गईं। इससे सदियों से मुस्लिम इन सीढ़ियों पर चलते हुए हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करते आ रहे हैं।