लखनऊ: यह लखनऊ के सभी लोगों और भारत के लिए एक गर्व का क्षण है क्योंकि लखनऊ शहर के रहने वाले और भारत के सबसे कम उम्र के मार्शल आर्ट्स ग्रैंड मास्टर – गौरव सिंह चौहान, जिन्हें गौरव ह्यूमन के नाम से भी जाना जाता है, को नेपाल की महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया गया है। नेपाल के एक सबसे प्रतिष्ठित माइक्रो फाइनेंस संगठन – जीवन विकास लघुवित्ती वित्तीय संस्था ने अपनी महिला कर्मचारियों के लिए इस 3 दिवसीय समग्र आत्मरक्षा और सुरक्षा प्रशिक्षण मास्टरक्लास का आयोजन किया और कई अन्य संगठनों की महिलाओं ने भी सामूहिक रूप से इसमें भाग लिया है।
गौरव ने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन जीवन विकास लघुवित्ती वित्तीय संस्था लिमिटेड के सी°ई°ओ श्री संजय कुमार मंडल ने उद्घाटन भाषण दिया और जीवन विकास समाज की अध्यक्ष सुश्री रिबोल देवी मंडल की उपस्थिति में 3 दिवसीय मास्टर क्लास शुरू करने के लिए हमारा स्वागत किया। ग्रैंड मास्टर गौरव ने हमें बताया कि वे भारत की प्राचीन विचारधारा “वसुधैव कुटुम्बकम” में विश्वास करते हैं-जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है। इसलिए भारत और कई अन्य देशों में अपनी सुरक्षा और आत्मरक्षा के प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक चलाने के बाद, जब उन्है नेपाल में एक 13 वर्षीय लड़की के साथ निर्मला बलात्कार और हत्या मामले की चौंकाने वाली घटना का पता चलने के तुरंत बाद, अपने संगठन कल्कि आर्ट ऑफ सेल्फ डिफेंस के माध्यम से मिशन स्व-रक्षा ‘नेपाल चैप्टर’ भी शुरू किया। तब से, वह कोविड में भी नहीं रुके और भारत, नेपाल के लिए ऑनलाइन सत्र आयोजित किए और कई अन्य देशों के लोग भी उनके ऑनलाइन प्रशिक्षण में शामिल हुए, अब तक उन्होंने नेपाल की हजारों महिलाओं और बच्चों को आत्मरक्षा और सुरक्षा में प्रशिक्षित किया है ताकि वे सभी अपनी सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बन सकें।
ग्रैंड मास्टर गौरव का ये सपना है जिसे वह सच करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें वह पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति, विशेष रूप से सभी महिलाओं और बच्चों को अपने स्वयं विकसित आधुनिक भारतीय मार्शल आर्ट – जिसे ‘कल्कि आर्ट ऑफ सेल्फ डिफेंस’ कहा जाता है, में प्रशिक्षित करने का एक मिशन और दृष्टि रखते हैं। जो पूरी तरह से वास्तविक जीवन की स्थित पर आधारित और समग्र आत्मरक्षा संपर्क युद्ध कला है और किसी भी ‘कोरियोग्राफ मार्शलआर्ट्स’ या खेल कराटे रूप से पूरी तरह से अलग है। जहाँ वे न केवल सड़क पर सुरक्षित रहने की तकनीकों के बारे में सिखाते हैं, बल्कि अपनी कार्यशालाओं और प्रशिक्षण मॉड्यूल में ‘साइबर सुरक्षा’ और ‘मानसिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा’ प्रशिक्षण को भी शामिल करते हैं।
नेपाल में इस कार्यशाला के लिए गौरव अपनी पत्नी सुश्री संयोगिता सिंह चौहान के साथ गए हैं, जो वर्तमान में जी°सी°आर°जी इंटरनेशनल स्कूल में टीजीटी विज्ञान की शिक्षिका हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षक और बाल मनोवैज्ञानिक भी हैं। तथा उन्होंने वहां मौजूद ट्रेनीज को मानसिक स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण जानकारी भी दी।
संगठन के सी. ई. ओ. श्री संजय कुमार मंडल ने हमें बताया कि वह मास्टरक्लास के तीसरे और समापन दिवस पर सभी प्रतिभागियों के जोश देखकर बहुत प्रभावित हुए। सभी प्रतिभागी बेहद आत्मविश्वास और ऊर्जावान दिखे। संस्था के डीसीईओ-श्री दामोदर रेगमी, फॉरवर्ड माइक्रोफाइनेंस लघुबिट्टा बिट्टीया संस्था लिमिटेड के डीसीईओ-श्री कृष्णा पीडी भट्टाराई ने भी आज के समय में महिलाओं और बच्चों के लिए इस अत्यधिक आवश्यक प्रशिक्षण की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के आयोजकों के रूप में जीवन विकास समाज की अध्यक्ष सुश्री रिबोल देवी मंडल, जीवन विकास पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री अजय कुमार मंडल, संस्थान की प्रशिक्षण शाखा की प्रमुख सुश्री रंजना निरौला और जीवन विकास पब्लिक स्कूल के प्रबंधन की सुश्री बिंदिया कुमारी मंडल और संस्था की कर्मचारी सुश्री अनामिका कर्ण उपस्थित थीं।