कानपुर: सालों से जो लोग कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे के बनने का इंतजार कर रहे थे. उनके लिए अब इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है. 31 जुलाई के बाद कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर बनी तक फर्राटा भरने का मौका मिल सकता है. सूबे के इस अहम प्रोजेक्ट का सोमवार को डीएम कानपुर जितेंद्र प्रताप सिंह ने निरीक्षण किया.
उन्होंने बताया कि बनी तक 45 किलोमीटर का रूट 31 जुलाई तक बनकर तैयार हो जाएगा. जबकि आगे 17 किलोमीटर रूट का निर्माण कार्यक्रम जारी है. जोकि अक्टूबर तक पूरा होगा. डीएम ने कहा कि इस एक्सप्रेस वे बनने से कानपुर से लख़नऊ की दूरी तय करने में महज 35 से 40 मिनट लगेंगे. साल 2023 में ये परियोजना शुरू हुई थी. इस साल के अंत से पहले लोग इस एक्सप्रेस वे पर आराम से सफर कर लेंगे.
4 बार पीडी बदले, जो अभी हैं वो भी बीमार: डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह 45 किमी पैच 31 मई को ही तैयार किए जाना था, लेकिन कुछ अड़चनों की वजह से देरी हुई है. इस परियोजना के निर्माण में अभी तक चार बार पीडी बदल चुके हैं. कहीं न कहीं इस वजह से भी देरी होती है. वहीं, जो मौजूदा समय में पीडी (परियोजना निदेशक) हैं, उनके कमर में दर्द है. ऐसे में काम करने वाले सभी अफसरों को निर्देश दिए हैं, अब तेजी से काम पूरा कराया जाए. जिससे शासन में आला अफसरों को पूरी जानकारी दी जाए. डीएम ने कहा कानपुर में जाजमऊ के थोड़ा आगे से लोगों को इस एक्सप्रेस वे पर जाने का मौका मिलेगा.
4,700 करोड़ रुपये की लागतः NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया के मुताबिक, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे की नींव दिसंबर 2020 में राष्ट्रीय राजमार्ग के दर्जे के साथ रखी गई थी. करीब 4,700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट का 80% से अधिक काम पूरा हो चुका है. यह एक्सप्रेसवे लखनऊ के पिपरसंड से शुरू होकर नवाबगंज, बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नीरना, अमरसस और रावल होते हुए कानपुर के उन्नाव में आजाद चौक पर समाप्त होगा. इसका एक्सप्रेस का 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड रूट पर बनाया गया है. इस रास्ते में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 6 फ्लाईओवर, 38 अंडरपास और 4 इंटरचेंज हैं. यह लखनऊ रिंग रोड और गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा.
कार और भारी वाहन ही चल सकेंगेः NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया ने बताया कि लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में डिज़ाइन किया गया है. सुरक्षा कारणों से बाइक, ऑटो और छोटे लोडर वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. NHAI द्वारा निर्मित अन्य एक्सप्रेसवे, जैसे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे. हल्के वाहनों की धीमी गति ट्रैफिक फ्लो को बाधित कर सकती है, जिससे एक्सप्रेसवे का उद्देश्य प्रभावित होगा. इसीलिए केवल कारों और भारी वाहनों को अनुमति दी गई है.