Friday, November 22, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशपरिवारवाद को बढ़ावा देना इंडी गठबंधन का मकसद : अमित शाह

परिवारवाद को बढ़ावा देना इंडी गठबंधन का मकसद : अमित शाह

मुजफ्फरनगर:  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah)  ने बुधवार को मुजफ्फरनगर में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के समर्थन में आयोजित जनसभा में विपक्ष पर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए (इंडी गठबंधन) का मकसद परिवार के लोगों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाना है। जबकि मोदी का मकसद देश के किसान, गरीब, मजदूर, दलित और आदिवासी को मजबूत बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना है।

अमित शाह (Amit Shah)  ने बुढ़ाना स्थित राष्ट्रीय इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित जनसभा में कहा कि इस चुनाव में जो घमंडिया गठबंधन इकट्ठा हुआ है, उसमें 12 लाख करोड़ रुपये के घपले-घोटाले, भ्रष्टाचार करने वाले लोग एकत्र हुए हैं। जिस दिन मोदी ने मेरठ में रैली की उसी दिन विपक्षी गठबंधन ने भ्रष्टाचारी रैली आयोजित की और उसमें भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की बात की। घमंडिया गठबंधन, जिसमें अखिलेश यादव की पार्टी और कांग्रेस है, ये कभी नहीं चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बने। कांग्रेस ने 70 साल तक राम जन्मभूमि के मुद्दे को अटका कर, लटकाकर और भटकाकर रखा। मोदी ने केस भी जीता, भूमि-पूजन भी किया और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी।

गृहमंत्री शाह (Amit Shah)  ने कहा कि मोदी ने गरीब एवं किसानों के उत्थान के लिए बहुत सारे कार्य किए हैं। मोदी ने गुड़ और गन्ने के इस क्षेत्र में गन्ने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाकर ढेर सारे बदलाव किए हैं। बसपा शासन में 19 चीनी मिलें बंद हुईं, अखिलेश के शासन में 10 चीनी मिलें बंद हुईं लेकिन भाजपा के शासन में 20 से अधिक चीनी मिलों को शुरू किया गया और 5 नई चीनी मिलें बनाने का काम भी हमारी सरकार ने किया है।

भुगतान की जहां तक बात है, आज 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान करने का काम भाजपा सरकार ने किया है। ये चुनाव मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है।

कश्मीर की चर्चा करते हुए गृहमंत्री शाह (Amit Shah) ने कहा कि मोदी ने कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त करने का काम किया है। सर्जिकल स्ट्राईक और एयर स्ट्राइक करके पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकियों का सफाया करने का काम किया है। आप याद कीजिये जब कांग्रेस सरकार थी, तब गन्ने का मूल्य 210 रुपये प्रति क्विंटल था। आज इसे 340 रुपये प्रति क्विंटल करने का काम मोदी सरकार ने किया है।

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