लखनऊ : उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण पर लगी पाबंदी हटा ली है। इसके लिए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उ. प्र. शासन की ओर से शासनादेश जारी किया गया है।यानी अब शिक्षक एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर करा सकेंगे। इसमें कहा गया है कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में उ. प्र. बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को अपने निवास स्थान, विकास खंड या जिलों से ज्यादा दूरी पर प्राथमिक विद्यालय या उच्च प्राथमिक विद्यालय अध्यापन कार्य के लिए जाने पर असुविधा का सामना करना पड़ता है।
शासनादेश में कहा गया है कि शिक्षकों की पारिवारिक परिस्थितियों, बीमारियों और अन्य वजहों को देखते हुए जन प्रतिनिधियों, आईजीआरएस, शिक्षक संगठनों, प्राथमिक शिक्षक संगठन और शिक्षकों के माध्यम से भी बीएसए को स्थानांतरण के लिए लगातार अनुरोध किए जाते हैं। अध्यापकों की असुविधा को देखते हुए और प्राइमरी स्कूल के बच्चों के सही ढंग से पढ़ाई के लिए ये मंजूरी दी जा रही है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण, समायोजन के लिए कई स्तरों पर समितियां गठित की गई हैं।
शासनादेश में कहा गया है कि शिक्षक परस्पर स्थानांतरण के लिए साल में दो बार ही आवेदन कर सकेंगे। वे गर्मी की छुट्टी औऱ शीतकालीन अवकाश के दौरान ही इसके लिए आवेदन दे सकते हैं। इस फैसले से बड़ी संख्या में शिक्षकों को राहत मिलेगी, जो रोजाना 80 से 100 किलोमीटर की यात्रा अपने प्राइमरी स्कूलों तक पहुंचने के लिए करते हैं। इनमें से तमाम महिला प्राथमिक शिक्षकों को खासतौर पर लाभ मिलेगा, जिन्हें शाम के वक्त खासकर सर्दियों में घर लौटना मुश्किल होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो परिवहन की पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं।
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