लखनऊ : यूपी सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJM) यूनिवर्सिटी कुलपति विनय पाठक के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। उन पर आगरा विश्वविद्यालय में परीक्षा कराने वाली एक निजी कंपनी के बिलों के भुगतान के लिए पैसे लेने का आरोप है। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अब तक पाठक के 4 साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
विनय पाठक और उसके सहयोगी अजय मिश्रा के खिलाफ 29 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में जबरन वसूली, धमकी देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस पर एसटीएफ ने अजय मिश्रा, संतोष सिंह और अजय जैन सहित 3 को गिरफ्तार कर लिया। संतोष कुमार सिंह अजय मिश्रा का करीबी सहयोगी है।
एसटीएफ (STF) के अधिकारियों ने कहा कि आगरा, कानपुर और बरेली के विश्वविद्यालयों में अनियमितताएं सामने आई हैं। आगरा यूनिवर्सिटी में जांच के दौरान एसटीएफ को कई सबूतों से छेड़छाड़ मिली। दूसरी ओर विनय पाठक ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए एक नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ का रुख किया था, हालांकि न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वी. के. सिंह की अदालत ने 15 नवंबर को कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और जांच में जुटाए गए सबूतों को देखते हुए प्रथमदृष्टया उनके खिलाफ अपराध बनता है।
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