लखनऊ: केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस के दुनिया में बढ़ते कहर के बीच कोविड वैक्सीन Covid-19 vaccine) की दूसरी बूस्टर डोज देने की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अभी पहली बूस्टर डोज को लेकर भी लोगों में खासा उत्साह नहीं दिख रहा है। अभी सिर्फ 28 फीसदी ही पात्र लोगों ने कोरोना की बूस्टर डोज लगवाई है ।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कोविड-19 की ये चौथी डोज लगाने का फैसला होता भी है तो सबसे पहले बुजुर्गों, स्वास्थ्यकर्मियों औऱ अन्य फ्रंटलाइन वर्करों को दी जाएगी। हालांकि चौथी बूस्टर डोज फ्री लगेगी या नहीं, इस पर अभी कुछ तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। खबरों के अनुसार, विशेषज्ञों का एक पैनल कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी बूस्टर डोज को हरी झंडी देने पर विचार कर रहा है। चीन समेत दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस विकल्प पर विचार किया जा रहा है।
इस बीच सरकार लोगों के बीच कोरोना की पहली बूस्टर डोज लेने की मुहिम को भी तेज कर रही है. देश में अभी पात्र आबादी के महज 28 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज ली है। भारत में कोरोना की बूस्टर डोज लगने का अभियान जनवरी 2022 में शुरू हुआ था, यानी करीब एक साल पहले प्रीकॉशन डोज (Precaution dose) या बूस्टर डोज लगाई गई थी।
अभी तक के शोध में पाया गया है कि वैक्सीन शॉट लगने के 4 से 6 माह के भीतर इम्यूनिटी कम होने लगती है। वहीं यह भी सामने आया है कि चौथी डोज लेने के बाद कोरोना वायरस के गंभीर होने का खतरा भी कम कर देती है। ब्रिटेन, अमेरिका और तमाम यूरोपीय देशों ने पहले ही कोरोना की चौथी डोज बूस्टर के तौर पर अपने नागरिकों को दे दी है।भारत में ज्यादातर लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन की पहली दूसरी या बूस्टर खुराक ली है। कोवैक्सीन लेने वालों की तादाद काफी कम रही है।
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