लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है और इसकी रिपोर्ट भी शासन को सौंपी जा चुकी है। हालांकि आम जनता के मन में यह सस्पेंस बना हुआ है कि इन मदरसों का अवैध करार दिया जाएगा और क्या उन्हें बंद करने की नौबत आएगी। या फिर इन्हें शर्तें पूरी करने के साथ मान्यता हासिल करने का कोई विकल्प दिया जाएगा। लेकिन शायद बहुत कम ही लोगों या इस्लामिक संस्थाओं को ये मालूम है कि इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (unrecognized madrassas) के पास विकल्प के कई रास्ते हैंइनमें से एक 9 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों से मान्यता लेने का विकल्प शामिल है। यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की नियमावली में इसका स्पष्ट उल्लेख है।
ये गैर मान्यता प्राप्त नदवा देवबंद से भी मान्यता ले सकते हैं। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए नियमावली में पहले से ही व्यवस्था है। बोर्ड से ही मान्यता लेना मदरसे के लिए जरूरी नहीं है। ये मदरसे 9 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों से भी मान्यता ले सकते हैं। यूपी में मदरसा शिक्षा बोर्ड के समकक्ष इन 9 बड़े अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को दर्जा दिया गया है। इनकी डिग्री यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के समकक्ष मानी गई । मालूम हो कि सर्वे में 8500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं। जानकारी के अनुसार, ये मदरसे नदवा देवबंद समेत नौ अल्पसंख्यक संस्थाओं भी मान्यता ले सकते हैं। इन नौ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में नदवातुल ओलमा लखनऊ (नदवा कॉलेज), मदरसा बाबुल इल्म मुबारकपुर आजमगढ़, दारुल उलूम देवबंद सहारनपुर, ओरियंटल कॉलेज रामपुर मदारिस लखनऊ भी शामिल हैं।
यह भी पढ़े: सशक्त उत्तराखण्ड @25 को साकार, करेगा चिंतन शिविर: CM पुष्कर सिंह धामी