लखनऊ: पर्यावरण संरक्षण को लेकर संकल्पबद्ध योगी सरकार की भविष्य की सभी बड़ी परियोजनाएं स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित होंगी। इसके लिए योगी सरकार की ओर से बड़े स्तर पर कार्य योजना तैयार कर बड़े-बड़े प्लांट सोलर एनर्जी से संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी क्रम में ललितपुर के बल्क ड्रग पार्क को लेकर लोवर कार्बन फुटप्रिंट पर काम कर रही है। इसके तहत जहां सोलर एनर्जी से ऊर्जा उत्सर्जित की जाएगी वहीं ग्रीन एनर्जी की दिशा में ये बड़ा कदम होगा। इसके लिए कुछ निजी कंपनियों से वार्ता चल रही है। वहीं योगी सरकार बल्क ड्रग पार्क में हर्बल दवाओं की भी यूनिट लगाएगी। इसके लिए एक निजी कंपनी से एमओयू साइन कर लिया गया है।
पार्क के आस-पास बनाए जाएंगे साइकिल ट्रैक
योगी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मिशन की तरह धरातल पर उतारने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन में नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीएम याेगी ने प्रदेश की सभी बड़ी परियोजनाओं में स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग करने के निर्देश दिये हैं। इसी क्रम में ललितपुर के बल्क ड्रग पार्क में सोलर एनर्जी का प्रयोग किया जाएगा। इतना ही नहीं बल्क ड्रग पार्क के आस-पास केवल स्वच्छ ऊर्जा के वाहनों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह पर साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे, जहां पर किराए पर साइकिलें उपलब्ध होंगी। ललितपुर में स्वच्छ ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए पूरे शहर में साइकिल और इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टेशन बनाए जाएंगे। सड़क के दोनों किनारों पर पैदल पथ के साथ हरित पट्टियों एवं ग्रीन वे विकसित किया जाएगा। इतना ही नहीं बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा।
बल्क ड्रग पार्क में हर्बल दवाओं के निर्माण के लिए विकसित किया जाएगा हर्बल पार्क
योगी सरकार प्रदेश को हर्बल दवाओं को हब बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए बल्क ड्रग पार्क में हर्बल दवाओं की यूनिट को विशेष महत्व दिया जा रहा है, जहां पर रिसर्च के साथ बड़ी मात्रा में आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण होगा। इसके लिए सीएसआईआर की 43 लैब से एमओयू साइन किया गया है। यहां पर हर्बल दवाओं के रिसर्च के साथ सस्ती दवाओं के निर्माण पर काम किया जाएगा। ललितपुर के बल्क ड्रग पार्क में हर्बल दवाओं के निर्माण के लिए हर्बल पार्क भी विकसित किया जाएगा ताकि जड़ी बूटी के लिए परेशानी न हो।
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