Sunday, December 15, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशगार्बेज फ्री सिटी बनाने के लिए नगरीय निकायों में होगा सेल्फ असेसमेंट

गार्बेज फ्री सिटी बनाने के लिए नगरीय निकायों में होगा सेल्फ असेसमेंट

लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Government) ने स्वच्छ भारत मिशन (Swachch Bharat Mission) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता एवं गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City)  बनाने का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए प्रदेश के प्रत्येक नगरीय निकाय में सेल्फ असेसमेंट की व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City) बनाने के लिए प्रत्येक नगरीय निकाय में 30 अगस्त तक सेल्फ असेसमेंट होगा। 4 सितंबर को इसकी समीक्षा होगी। नगरीय निकायों में अप्रैल 2023 में मॉक असेसमेंट आयोजित किया गया था, जिसने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City) के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को निरंतर बनाये रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया था।

गूगल फॉर्म के माध्यम से किया जाएगा सेल्फ असेसमेंट

नगर विकास, नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया कि सेल्फ असेसमेंट डेडिकेटेड गूगल फार्म के माध्यम से किया जायेगा, जो गार्बेज फ्री सिटी (Garbage Free City)  के मूल्यांकन के प्रत्येक पैरामीटर के मानक को परिभाषित करेगा। यह फार्म नगरीय निकाय द्वारा भरा जायेगा।

पूर्ण सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट को जमा करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त की शाम 5 बजे तक है। उन्होंने समस्त अधिशासी अधिकारियों से निर्धारित समय सीमा में इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। चार सितंबर (सोमवार) को सुबह 11 बजे सेल्फ असेसमेंट की समीक्षा की जायेगी। सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट को सही ढंग से पूर्ण करने एवं निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उसे जमा करने की कार्यवाही अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएगी।

यूपी सरकार द्वारा लिया गया प्रो एक्टिव स्टेप

प्रमुख सचिव अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया कि नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत के इस उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेल्फ असेसमेंट की व्यवस्था प्रारंभ करने हेतु प्रो एक्टिव स्टेप लिया गया है। इसका उद्देश्य नगरीय निकायों को सशक्त करना है, जिससे वह अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने में सक्रिय भागीदारी कर सके एवं उन क्षेत्रों की पहचान कर सकें, जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। अप्रैल से प्रारंभ किए गए मूल्यांकन की यह व्यवस्था हमारी रणनीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग करेगा।

यह भी पढ़े: विभागीय बजट को समय पर खर्च करें अधिकारी: डॉ. धन सिंह रावत

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