Friday, November 22, 2024
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शेवेनिंग अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम मे 10 ग्रेजुएट छात्रों को भेजा जाएगा: शिक्षा मंत्री

देहरादून: राज्य के शिक्षा व उच्च मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि शेवेनिंग अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम में राज्य से 10 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रेजुएट छात्रों को भेजा जाएगा। जिसमें पांच छात्र और पांच छात्राएं शामिल होंगी। मंत्री डॉ रावत आज शुक्रवार को अपने कैम्प कार्यालय में ब्रिटिश गवर्नमेंट की छात्रवृत्ति संस्था शेवेनिंग की इंडिया हेड के साथ मीटिंग में बोलते हुए इसका ठोस प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के सरकारी महाविद्यालयों से ग्रेजुएट पाँच छात्रों को शेवेनिंग भेज कर विशेषज्ञ बनाया जाएगा। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ रावत ने कहा कि छात्रवृत्ति कार्यक्रम को अपने शैक्षणिक और व्यावसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ अपने प्रदेश में सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर है। इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम में उत्तराखंड जरूर भागीदार बनेगा। शेवेनिंग इंडिया की प्रमुख सुप्रिया चावला ने इस बात पर जोर दिया कि शेवनिंग चार दशकों से 160 देशों में काम कर रहा है। संगठन के कार्यक्रम का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि यह बच्चों को इंग्लैंड के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की सुविधा प्रदान करता है, जिसकी लागत आमतौर पर एक वर्ष के लिए 40 लाख रुपये होती है। राज्य सरकार इस लागत में 20 लाख रुपये का योगदान देती है, और शिवलिंग इंडिया शेष 20 लाख रुपये वहन करता है, जिससे बच्चे विश्वविद्यालय पढ़ाई में कुशल बन सकें।

गौरतलब है कि, शेवेनिंग एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम है जो दुनिया भर के उत्कृष्ट व्यक्तियों को वित्तीय सहायता और नेतृत्व विकास के अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम को विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय और भागीदार संगठनों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है, और इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के नेताओं, प्रभावशाली लोगों और निर्णय निर्माताओं का समर्थन करना है। शेवेनिंग छात्रवृत्तियाँ उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती हैं जिन्होंने नेतृत्व क्षमता और मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि का प्रदर्शन किया है। कार्यक्रम के पूरा होने पर शैक्षणिक उत्कृष्टता और अपने देश में सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता दोनों पर जोर दिया जाता है। शेवेनिंग विद्वानों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश लौट आएं और यूके में अपने समय के दौरान प्राप्त ज्ञान और कौशल का उपयोग अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए करें। छात्रवृत्ति में ट्यूशन फीस की लागत, रहने का भत्ता, यूके से आने-जाने की यात्रा लागत और आगमन भत्ता, थीसिस अनुदान और वीजा लागत जैसे अतिरिक्त खर्च शामिल हैं। वित्तीय सहायता के अलावा, शेवेनिंग विद्वानों के पास अपने नेतृत्व कौशल को विकसित करने और अपने पेशेवर और सामाजिक नेटवर्क का विस्तार करने के उद्देश्य से विशिष्ट कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और नेटवर्किंग अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच है। शेवेनिंग कार्यक्रम अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है, जिसमें दुनिया भर से हजारों आवेदक सीमित संख्या में छात्रवृत्ति के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। सफल उम्मीदवारों को उनकी नेतृत्व क्षमता, शैक्षणिक उत्कृष्टता और यह स्पष्ट करने की क्षमता के आधार पर चुना जाता है कि कार्यक्रम पूरा होने पर वे अपने देश के विकास में कैसे योगदान देंगे। शेवेनिंग ने दुनिया भर में कई प्रभावशाली नेताओं और परिवर्तन-निर्माताओं को तैयार किया है, और यह अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति अवसरों में उत्कृष्टता का प्रतीक बना हुआ है।

राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक को विधानसभा से पारित करवाने में सूत्रधार की भूमिका का निर्वहन करने हेतु राज्य आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा से उनके आवास पर मिलकर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अगर वह लोग इस मामले पर अतिरिक्त संज्ञान न लेते तो यह मामला आज भी कार्मिक एवं विधि विभाग के बीच फंसा हुआ होता।उन्होंने काबिना मंत्री से चिंहीकरण से छूटे हुए लोगों के मामले का शीघ्र निस्तारण करने की भी मांग करी। आंदोलनकारियों की बात को गंभीरता से सुनते हुए काबिना मंत्री सुबोध उनियाल और सौरभ बहुगुणा ने आंदोलनकारियों को विश्वास दिलाया कि वे राज्य आंदोलनकारियों के हितों के लिए सदैव तत्पर रहें हैं और आगे भी रहेगें। सरकार पृथक राज्य आंदोलन की मूल अपेक्षाओं पर खरा उतरने के प्रतिबद्ध रहेगी। काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि वह हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि यह राज्य मातृ शक्ति के त्याग और अनेकों बलिदान से प्राप्त हुआ है और इसी की बदौलत आज हमें राज्य की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जो कि खुद भी एक राज्य आंदोलनकारी रहें हैं और वह उनकी पीड़ा को समझते हैं इसलिये वह जल्द ही उनके विधेयक को राजभवन से पास करवा कर भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र प्रारम्भ करवाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में क्रांति कुकरेती,अंबुज शर्मा,आशीष उनियाल, विजयेश नवानी,वीरेंद्र पोखरियाल(पप्पू), विजय प्रताप मल्ल( मल्ला ),गणेश डंगवाल, प्रेम सिंह नेगी, विक्रम गोसाई, हरि प्रकाश शर्मा, हरि सिंह मेहर,आईबी बडोनी, संजय थापा,विकास शर्मा,आशीष चैहान, खटीमा से सुनीता ठाकुर डाकपत्थर से मनोज कुमार,रामकिशन, सतपुली से विशंभर दत्त बौठिंयाल, बड़कोट उत्तरकाशी से बाल गोविंद डोभाल, कोटद्वार से प्रवीण पुरोहित, शकुंतला रावत, विमल जुयाल,वीरेंद्र रावत आदि लोग मौजूद थे।

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