नंदा गौरा योजना के तहत लाभ दिलाने के नाम पर मांगी थी रिश्वत
हल्द्वानी: उत्तराखंड में आए दिन कहीं न कहीं से रिश्वतखोरी के मामले सामने आ ही जाते हैं. ताजा मामला उधम सिंह नगर जिले का है. जहां कुमाऊं विजिलेंस की टीम ने मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर को दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. वहीं, अब भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विजिलेंस की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है.
‘नंदा गौरा योजना’ के तहत मिलने वाली धनराशि पर आंगनबाड़ी वर्कर की नजर: दरअसल, विजिलेंस को टोल फ्री नंबर 1064 पर एक शिकायत मिली थी. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी बहन ने सितारगंज के सरकारी इंटर कॉलेज से पढ़ाई की है, उसे स्कॉलरशिप के 40 हजार रुपए मिलने है, लेकिन आरोप था कि 10 हजार रुपए स्कूल की प्रिंसिपल और 10 हजार रुपए आंगनबाड़ी वर्कर मांग रही है.
इस शिकायत पर विजिलेंस ने जांच की तो पाया गया कि शिकायतकर्ता की बहन ने साल 2024 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. बहन के इंटर की परीक्षा पास करने पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित ‘नंदा गौरा योजना’ के अंतर्गत मिलने वाली धनराशि के लिए आवेदन किया था.
यह धनराशि बीती 28 मार्च 2025 को शिकायतकर्ता की बहन के खाते में आ चुकी थी. जब योजना का फार्म भरा जा रहा था तो उसमें आवेदनकर्ता बालिका के इंटर करने वाले स्कूल की प्रिंसिपल और गृह क्षेत्र की आंगनबाड़ी वर्कर का प्रमाण पत्र भी लगना था.
इन प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर ने रिश्वत की मांग की थी. शिकायतकर्ता की बहन के खाते में धनराशि आने की जानकारी मिलने पर आरोपी आंगनबाड़ी वर्कर बालिका को रिश्वत के पैसे देने के लिए परेशान कर रही थी. साथ ही भविष्य में मिलने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ न दिए जाने की धमकी भी दी.
वहीं, आरोपी आंगनबाड़ी वर्कर ने 5 मार्च को रिश्वत की धनराशि लेकर शिकायतकर्ता को बुलाया था. इस शिकायत की जांच से प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर पुलिस उपाधीक्षक विजिलेंस हल्द्वानी अनिल सिंह मनराल ने अपने पर्यवेक्षण में तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया.
मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर 2 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार: इसी कड़ी में सतर्कता अधिष्ठान हल्द्वानी की ट्रैप टीम ने आज यानी 5 मई को आरोपी मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर हाल निवासी सितारगंज (उधम सिंह नगर) को उसके घर के बाहर से 2 हजार रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी सितारगंज की मुख्य आंगनबाड़ी वर्कर है.
वहीं, विजिलेंस के जांच में सामने आया कि प्रिंसिपल की ओर से किसी तरह का कोई भी रिश्वत नहीं मांगा गया था. जो भी रिश्वत मांगे जा रहे थे, वो मुख्य आंगनबाड़ी कार्यकत्री (वर्कर) की ओर से मांगे गए थे. उधर, निदेशक सतर्कता डॉ. वी. मुरुगेशन का कहना है कि अगर कोई रिश्वत मांगता है तो उसकी शिकायत सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री नं. 1064 और Whatsapp नं. 9456592300 पर कर सकते हैं.