देहरादून: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत प्रदेश में आयुष्मान ग्राम व आयुष्मान शहरी वार्ड घोषित करने के लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी मानकों को पूर्ण करना होगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को संबंधित ग्राम पंचायतों व शहरी वार्डों का समय-समय पर विभिन्न स्तरों से मूल्यांकन कराना होगा। मार्च 2024 तक के मूल्यांकन व प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देशभर में आयुष्मान ग्रामों व आयुष्मान शहरी वार्डों की घोषणा की जायेगी।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि आयुष्मान भव अभियान पूरे प्रदेश में निरंतर गतिमान है। जिसके तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों एवं आयुष्मान सभाओं के माध्यम से जनमानस को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। प्रत्येक ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों में आयुष्मान कार्ड व आभा आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही गैर संचारी रोगों की जांच, टीबी रोग की जांच व उपचार, सिकल सेल एनिमिया की जांच एवं कार्ड वितरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्ड स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्धारित 06 मानकों को शत प्रतिशत पूर्ण कर लेंगे उन्हें भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं आयुष्मान शहरी वार्ड का दर्जा दिया जायेगा। इसके लिये समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, ग्राम्य एवं शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा मानकों का मूल्यांकन किया जायेगा। इसके उपरांत ही ग्राम पंचायत व शहरी वार्डों की संबंधित विवरण 31 मार्च, 2024 से पूर्व भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। सभी मानकों का परीक्षण करने के उपरांत भारत सरकार देशभर के आयुष्मान ग्राम पंचायत एवं शहरी वार्डों की सूची जारी करेगी। इस अभियान के तहत चयनित सभी पंचायतों व शहरी वार्डों को भारत सरकार द्वारा आयुष्मान ग्राम पंचायत व शहरी वार्ड का प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।
यह भी पढ़े: मुख्य सचिव ने जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से सम्बन्धित होने वाले कार्यों के सम्बन्ध में बैठक ली