जीएसटी सुधार को बीजेपी ने बताया पीएम मोदी का दिवाली गिफ्ट, आम आदमी से जोड़े रिफॉर्म

देहरादून: बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्यूष कांत ने नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार को बड़ा गेम चेंजर बताया है. प्रत्यूष कांत ने कहा नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार आम आदमी की आर्थिकी में वृद्धि लेकर आयेंगे. प्रत्यूष कांत ने इसे पीएम मोदी का देशवासियों के लिए ऐतिहासिक दिवाली गिफ्ट बताया है. उन्होंने कहा 22 सितंबर से आम आदमी को दैनिक जरूरत के सामान पहले से कम कीमत मिलेंगे.

बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रत्यूष कांत ने कहा मोदी सरकार का यह निर्णय नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म है, जिसका लाभ किसानों से उद्योगों तक, घरबार से व्यापार तक हर आमोखास व्यक्ति के जीवन में खुशियां लेकर आएगा. यह कदम ऐतिहासिक इस मायने में भी है कि विगत 11 वर्षों में एक राष्ट्र एक टैक्स की नीति से देश ने आर्थिक सुधारों और समृद्धि के कई आयामों को छुआ है. आज 2 लाख करोड़ से अधिक का जीएसटी राजस्व देश को प्राप्त हो रहा है. हमारी सरकार इसका वास्तविक लाभ आम व्यक्ति तक पहुंचाना चाहती है, इसीलिए टैक्स दरों को कई अहम क्षेत्रों में शून्य किया गया. अधिकांश में 10 से 20 फीसदी तक की कमी की गई है. इसके पीछे मकसद स्पष्ट है, देश के प्रत्येक व्यक्ति की जेब में अधिक से अधिक अतिरिक्त पैसा आए ताकि वह अपने जीवन को अधिक बेहतर करने में सफल हो.

उन्होंने कहा इससे आम आदमी की आर्थिकी में सुधार होने से उसकी क्रय शक्ति बढ़ेगी. जिससे देश में डिमांड बढ़ेगी. डिमांड बढ़ने से उद्योग लगेंगे. उद्योगों से रोजगार नई संभावनाएं पैदा होंगी. बेहद सरल शब्दों में कहें तो देश राजस्व आम आदमी के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में लगेगा. उन्होंने जीएसटी सुधार के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा, प्रतिदिन उपयोग की वस्तुओं पर 18 और 12 प्रतिशत को घटकर पांच प्रतिशत किया गया. जैसे शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, टूथब्रश, बटर, घी, डेयरी प्रोडक्ट्स, सिलाई मशीन इत्यादि. हेल्थ केयर के सेक्टर में जीवन बीमा पर जीएसटी शून्य किया गया है. इसके अतिरिक्त थर्मोमीटर, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप आदि उपकरणों में अब मात्र 5 फीसदी टैक्स लगेगा.

उन्होंने सुधारों पर नकारत्मक टिप्पणी करने वाली कांग्रेस को आईना दिखाते हुए कहा, उनकी सरकारों में मल्टीपल टाइप ऑफ़ टैक्स, लगभग 17 तरीके के टैक्स वेट की सूरत में लगाए जाते थे. जिससे प्रतिदिन की महंगाई से घर का बजट पूरी तरह से बिगड़ रहता था.