देहरादून: पिछले दिनों भाजपा (BJP) में शामिल हुए पुरोला के विधायक राजकुमार और धनौल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार की सदस्यता दल बदल निरोधी कानून के तहत जा सकती है, लेकिन इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष को दल बदल करने वाले सदस्य के खिलाफ याचिका देनी होगी। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधायक राजकुमार के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को बुधवार को याचिका दे दी है। राजकुमार पुरोला विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं। उन्होंने पिछले दिनों भाजपा (BJP) की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनसे पहले धनौल्टी विधानसभा से निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार भाजपा में शामिल हुए। अब दोनों विधायकों पर दल बदल निरोधक कानून की तलवार लटक गई है। कानून के तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों में से दो तिहाई से कम सदस्य यदि किसी दल में शामिल होते हैं या अलग दल बनाते हैं तो वे अयोग्य घोषित हो जाएंगे। उत्तराखंड विधानसभा की दल बदल को लेकर निर्हता नियमावली है। संविधान की 10वीं अनुसूची में दल बदल को लेकर व्यवस्था दी गई है। इसके तहत किसी सदस्य के अयोग्य घोषित होनी की अलग-अलग परिस्थितियां हैं।
- एक चुना हुआ सदस्य किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ दे।
- कोई निर्दलीय सदस्य किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाए।
- किसी सदस्य द्वारा पार्टी के व्हीप के विपरीत वोट दिया जाए।
- कोई सदस्य स्वयं को वोटिंग से अलग रखे।
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