देहरादून: राज्य में एंटीजन जांच के लिए इम्पैनल्ड लैब के नाम से फर्जी आरटीपीसीआर (RT-PCR) नेगेटिव रिपोर्ट देने का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लैब पर रोक लगा दी है।पिछले दिनों ढालवाला में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने फर्जी आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट का मामला पकड़ा था। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि जिस लैब के नाम से फर्जी आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट दी गई थी, वह आरटीपीसीआर जांच के लिए संबद्ध थी ही नहीं। मामला सामने आने के बाद टिहरी की सीएमओ ने जिले में लैब पर प्रतिबंध लगातेे हुए स्पष्टीकरण मांगा था। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय ने लैब पर पूरे राज्य में प्रतिबंध लगा दिया है।
निदेशक स्वास्थ्य डॉ. एसके गुप्ता स्वास्थ्य विभाग ने लैब पर लगाई रोक, फर्जी आरटीपीसीआर (RT- PCR)नेगेटिव रिपोर्ट देने का खुलासा होने के बाद लिया गया फैसला जांच पर रोक लगाए जाने की पुष्टि की है। तो दूसरी ओर, उत्तराखंड के अस्पतालों में महीनों पहले मर चुके लोगों को अब कोरोना से हुई मौत स्वीकार किया जा रहा है। विभिन्न अस्पतालों की ओर से मौत की सूचना दिए जाने के बाद अब इन मौतों को सरकारी आंकड़ों में शामिल किया जा रहा है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 6797 हो गया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई। लेकिन सरकार के आंकड़ों में सभी मरीजों की मौत दर्ज नहीं हो रही थी। इसे लेकर सवाल उठे तो सचिव स्वास्थ्य ने आदेश किया कि सभी अस्पताल कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े स्टेट कंट्रोल रूप को उपलब्ध कराएं। लेकिन उनके आदेश को हुए एक महीना बीतने को है लेकिन छिपाई गई मौत सामने आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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