हल्द्वानी में जोहार महोत्सव का रंगारंग आगाज, लोकगीतों पर थिरके लोग

हल्द्वानी: सीमांत संस्कृति और लोक परंपराओं के अद्भुत संगम का प्रतीक 16वां जोहार महोत्सव शनिवार को हल्द्वानी में रंगारंग झांकी के साथ शुरू हो गया है. तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन की शुरुआत एमबी इंटर कॉलेज परिसर से हुई. जहां सीमांत क्षेत्र मिलम घाटी (मुनस्यारी) के जोहार समाज के लोगों ने अपनी पारंपरिक पोशाकों, वाद्य यंत्रों और लोकगीतों के माध्यम से अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित किया.

महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक जोहार वंदना से की गई. इसके बाद सांस्कृतिक झांकियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस अवसर पर मेयर गजराज बिष्ट, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे. पूरे परिसर में उत्तराखंड की सीमांत संस्कृति की झलक दिखाई दी, जहां पारंपरिक भोजन, हस्तशिल्प, लोकनृत्य और पारंपरिक संगीत ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया.

आयोजक नवीन टोलिया ने बताया यह महोत्सव न केवल जोहार समाज की सांस्कृतिक पहचान को सहेजने का प्रयास है, बल्कि सीमांत क्षेत्रों की लोककला, वेशभूषा, खानपान और पारंपरिक जीवनशैली को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी है. उन्होंने बताया इस बार के मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से 2000 से अधिक जोहार परिवार शामिल हो रहे हैं. मेयर गजराज बिष्ट ने कहा जोहार महोत्सव उत्तराखंड की विविध सांस्कृतिक धरोहर का एक जीवंत उदाहरण है. सीमांत क्षेत्र के लोग कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखे हुए हैं, जो पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है.

यह आयोजन उत्तराखंड की सीमांत सभ्यता, संस्कृति और सामुदायिक एकता का जीवंत प्रतीक बन चुका है, जो हर वर्ष हल्द्वानी में जोहार समाज की परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य करता है.