देहरादून: पुलिस मुख्यालय में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में कांवड़ यात्रा को लेकर कई अहम फैसले लिए गए| बैठक में यात्रा के दौरान डीजे से रोक हटाने व पुलिस द्वारा इस पर नियंत्रण रखने का निर्णय लिया गया| साथ ही इस दौरान कोई भी 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा।
बैठक में तय किया गया कि हर कांवड़ यात्री को अपने साथ पहचानपत्र लाना अनिवार्य होगा। इस साल चार जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा का आयोजन होना है। पुलिस मुख्यालय में यह 18वीं अंतरराज्यीय व अंतरइकाई समन्वय बैठक थी। बैठक की शुरुआत में एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने बताया कि बीते 15-20 सालों से कांवड़ यात्रा में यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस साल भी लगभग चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने की संभावना है। कांवड़ मेला क्षैत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अफसरों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी चेकपोस्ट और बैरियरों पर संयुक्त रूप से चेकिंग की जाएगी।
बैठक के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस यातायात प्लान बनाएगी। सभी चौराहों और यात्रा मार्ग पर जागरूकता वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। इस बार भी डीजे को प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
बल्कि इसका ध्यान रखा जाएगा कि इसकी ध्वनि नियंत्रित रहे। सभी जगह इसके लिए इलेक्ट्रोनिक साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। रास्तों में उपद्रव को रोकने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर तैयारियां की जा रही हैं। कोई भी यात्री अपने साथ लाठी, बेस बाॅल बैट, नुकीले भाले और अन्य हथियार नहीं ला सकेगा।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस का सीसीटीवी कवरेज भी पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसके लिए सभी कैमरों को गुगल मैप के माध्यम से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी कैमरे हैं। जबकि, उत्तर प्रदेश पुलिस 1000 कैमरों से नजर रखेगी। उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं।
कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हरिद्वार क्षेत्र में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहेंगे। जबकि, पूरे यात्रा मार्ग पर इनकी संख्या सात हजार से भी अधिक होगी। इस बार 12 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स केंद्र से मांग की गई है। इसके अलावा तीन टीमें बम डिस्पोजल स्क्वाड और श्वान दलों की मांगी गई हैं। इनमें से कितना फोर्स मिलेगा यह अगले कुछ दिनों में पता चल जाएगा। इसके अलावा समय-समय पर रूट डायवर्जन की व्यवस्था भी की जाएगी।
बैठक में सात राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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