मसूरी: विंटर कार्निवाल की तीसरी सांस्कृतिक संध्या लोक-संस्कृति, प्रकृति और सुरों के अद्भुत संगम के रूप में दर्शकों के दिलों में बस गई. नगर पालिका टाउन हॉल में आयोजित इस भव्य आयोजन ने उत्तराखंड, जौनसार-बावर, जौनपुर और हिमाचल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को एक ही मंच पर साकार कर दिया. लोक कलाकारों की दमदार प्रस्तुतियों ने न केवल दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया, बल्कि सांस्कृतिक एकता और परंपराओं के संरक्षण का सशक्त संदेश भी दिया.
कार्यक्रम की शुरुआत मोहब्बत भरी संगीतमय संध्या से हुई, जहां प्रसिद्ध गायक अफजल मंगलोरी की मधुर गायकी ने माहौल को भावनात्मक बना दिया. इसके बाद जौनपुरी-जौनसारी नाइट और उत्तराखंडी म्यूजिकल नाइट ने रंग जमाया. उत्तराखंड की लोक-संगीत परंपरा के दिग्गज कलाकार मीना राणा, गजेंद्र राणा और सौरभ मैठार की प्रस्तुतियों पर पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. लोक गायक सनी दयाल, सुशील चौनियाल और रेशमा शाह द्वारा प्रस्तुत पांडव जागर, ले भूजी जला ले चूड़ा, बामण मामा, मेरू उत्तराखंड और सड़की सरेना जैसे लोकप्रिय गीतों पर दर्शक देर रात तक थिरकते नजर आए. वहीं उत्तराखंड की कोकिला उमा राणा, संजय कुमोला और रेशमा शाह की जोरदार परफॉर्मेंस ने सबका मन मोहा.

