देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र बताये जाने की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि भाजपा के नेता आसन्न चुनावी हार को देखते हुए अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं इसीलिए जनता को फिर से धर्म की राजनीति में बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
करन माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कांग्रेस पार्टी के न्याय पत्र पर उंगली उठाने के बजाय अपने कार्यकाल की उपलब्धियां जनता को बतानी चाहिए तथा उन्हें यह भी बताना चाहिए कि भाजपा ने देश एवं राज्य के विकास के लिए कौन सी योजना बनाई। राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी की नृसंस हत्या में कौन वीआईपी शामिल था। राज्य में बेरोजगारी के क्या आंकड़े हैं। अग्निवीर योजना से प्रदेश के युवाओं के चैपट हो रहे भविष्य के लिए रोजगार की क्या योजना है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में विकास की गंगा केवल भाजपा के जुमलों में बह रही है जिसका पानी आने वाली 19 अप्रैल को सूख जायेगा।
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी झूठी घोषणाओं की बजाय धरातल पर काम करना जानती है। कांग्रेस पार्टी के शासकों ने नरेन्द्र मोदी की तरह केवल अपने मन की बात नहीं की बल्कि समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति की बात सुनी और उसी के विकास को लक्ष्य बनाकर नीतियां बनाई। चुनाव आने पर भाजपा नेताओं की तरह घोषणा पत्र के रूप में झूठे चुनावी जुमलों वाला पुलिंदा प्रचारित नहीं किया बल्कि जनहित से जुड़े मुद्दों को जनता के सामने रखा। जनता को मुफ्तखोरी सिखाने और ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में खेती-पाती खत्म करने के लिए फ्री अनाज का लालच नहीं दिया बल्कि मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से लोगों को गांवों में ही रोजगार देकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को स्थापित करने का काम किया।
करन माहरा ने कहा कि समाज को जाति-धर्म में विघटित करने की राजनीति भाजपा करती है कांग्रेस ने धर्म के नाम पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने की बजाय हमेशा लोकतांत्रिक समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता की बात करते हुए जनता का समर्थन मांगा। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिये, अंग्रेजों से लम्बी लड़ाई लडी, अंग्रेजों की मुखबरी कर देश की स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन कर रहे आन्दोलनकारियों के खिलाफ काम नहीं किया। कांग्रेस पार्टी के इतिहास में देश के लिए बलिदान करने वालों और देश को आगे बढाने वालों की लम्बी कतार है।
देश में स्थापित संस्थानों जिनको आज सत्ता में बैठे लोग अपने व्यावसायिक मित्रों के हाथों कौड़ियों के भाव बेचकर अपनी पार्टी के लिए चुनावी चंदा वसूली कर रहे हैं, उनके निर्माण में कांग्रेस नेताओं की दूरदृष्टि वाली सोच थी। जबकि सत्ता में बैठी पार्टी ऐसी कोई भी योजना नहीं बता सकती जिसका लाभ जनता को लगातार 10 साल तक भी मिला हो। चुनाव आने पर इनके मुद्दे भी बदल जाते हैं और जुमले भी बदल जाते हैं। परन्तु अब देश की जनता इनकी जुमलेबाजी से आजिज आ चुकी है।