Wednesday, January 8, 2025
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उत्तराखंड निकाय चुनाव 2025: सज गया रण, बज गयी भेरी, खेल बिगाड़े घर के भेदी

 

देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव की भेरी बज चुकी है। सभी दलों ने अपने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है और सभी ने अपना अपना प्रचार शुरू भी कर दिया है। निकाय चुनाव में जहा भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों ने अपने प्रत्याशी उतारे है वही उसके साथ ही दोनों दलों के बागी प्रत्याशी भी निर्दलीय ताल ठोक रहे है। उत्तराखंड के सबसे बड़े नगर निगम देहरादून में भी हर वार्ड में कमोबेश बागी प्रत्याशी दोनों दलों का खेल बिगड़ने में लगे हुए है। निकाय चुनाव में जहां एक तरह बीजेपी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है वही दूसरी तरफ पार्टी के भीतर की अंतर कलह किसी से छुपी नहीं है। बड़े बड़े नेताओं द्वारा अपने पसंदीदा प्रत्याशी को टिकट न मिलने पर मायूसी और विरोध साफ देखा गया। वहीं दूसरी तरफ मेयर सीट पर प्रत्याशी के नाम को लेकर काफी सस्पेंस के बाद आखिरकार भाजपा ने सौरभ थपलियाल को अपना चेहरा बना लिया। मेयर ही नहीं पार्षद प्रत्याशियों के टिकट फाइनल करना भी बीजेपी के लिए किसी मशक्क्त से कम नहीं था। टिकट जारी होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी जमकर विरोध किया। कई वार्डो में बीजेपी के खिलाफ खुद बीजेपी के ही नेता निर्दलीय मैदान में उतर गए। जिसके बाद बीजेपी ने नाम वापस न लेने पर पार्टी से निष्काषित करने का फरमान तक जारी कर दिया। इस बीच कुछ ने नाम वापस लिया और कुछ ने बागी तेवर दिखाते हुए दो टूक निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया।  BJP

ऐसा ही हाल देहरादून नगर निगम के वार्ड 41 इंदिरापुरम का है। जहां बीजेपी ने इस बार नए चेहरे बबिता गुप्ता को मैदान में उतारा है और वही उनके सामने भाजपा की निर्वतमान पार्षद आशा भाटी बतौर निर्दलीय ताल ठोक रही है। पूर्व में 4 चुनाव में आशा भाटी और उनके पति ओमेंद्र भाटी ने भाजपा को जीत दिलाई थी। उनको उम्मीद थी कि इस बार भी उनको ही जिताऊ कैंडिडेट के तौर पर पार्टी टिकट जरूर देगी, लेकिन पिछले कुछ समय से इंदिरापुरम क्षेत्र के लोगों द्वारा आशा भाटी और ओमेंद्र भाटी का विरोध किया जा रहा था। यही नहीं पार्टी में भी आशा भाटी और ओमेंद्र भाटी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दी गई थी।

इस पूरे मामले पर जब हमने वर्तमान भाजपा प्रत्याशी बबीता गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि निर्वतमान पार्षद ओमेंद्र सिंह भाटी द्वारा क्षेत्रवासियों को परेशान किया जा रहा था। फर्जी दस्तावेज बनाने, जमीनों पर अवैध कब्जे करने, अपने घर के सामने अवैध पार्किंग बनाने और उस पार्किंग का लाभ खुद लेने और अपने कुछ खास लोगो को देने, सरकारी योजनाओ में भ्रष्टाचार करने, सरकारी योजनाओ का लाभ अपने कुछ चहेते लोगो को दिलाने, क्षेत्र में साफ़ सफाई न होने, क्षेत्र के लोगो के साथ दुर्वयवहार करने से लेकर अपने पद का दुरुपयोग भी किया जा रहा था। जिस कारण क्षेत्र के लोग उनके खिलाफ हो गए। इसके कारण पार्टी की छवि भी धूमिल हो रही थी और पार्टी को भी इस सब के बारे में पूरी जानकारी थी। यही सब वजह है जिसके चलते उनका टिकट कटा गया। पार्टी किसी के लिए भी अपनी नीतियों से समझौता नहीं करेगी। पार्टी और क्षेत्र के लोग पूरी तरह से मेरे साथ है। भाजपा प्रत्याशी बबीता गुप्ता ने कहा मैं अपने क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूँ कि मैं आपके बीच रह कर आपके प्रतिनिधि के रूप में काम करूंगी।

वहीं इस पूरे मामले में जब भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ओमेंद्र भाटी के खिलाफ पार्टी को लगातार शिकायते मिल रही थी और जनता के ओमेंद्र भाटी के खिलाफ रोष को देखते हुए ही उनका टिकट काटा गया। उन्होंने यह भी बताया की जो लोग भी पार्टी के खिलाफ जा कर चुनाव लड़ रहे है उन पर अनुसाशनात्मक कार्यवाही की जा रही है और उनको पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्काषित किया जा रहा है। उन्होंने कहा पार्टी से अलग किसी की कोई पहचान नहीं है, कोई यह न समझे कि उनके विरोध में चुनाव लड़ने से पार्टी को कोई भी नुकसान होगा। पार्टी के साथ जनता है जो पार्टी के प्रति ईमानदार है।

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