देहरादून : उत्तराखंड (Uttarakhand) की राजधानी देहरादून में ब्लैक फंगस के बाद अब कोविड से ठीक हुए मरीजों में एस्परजिलस का संक्रमण मिला है। इस से होने वाली बीमारी के 20 मरीज दून के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इम्यूनिटी का कम होना इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। इंदिरेश अस्पताल पटेलनगर में कोरोना के नोडल अफसर डॉ. जगदीश रावत ने कहा कि आईसीयू में भर्ती 100 में से 10 मरीजों में यह फंगस दिखा है। कोरोना से टीक होने वालो में यह घातक देखा जा रहा है। यह सीधा फेफड़ों को संक्रमित ज्यादा करता है। इस संक्रमण में भी एम्फोटेरिसिन-बी के इंजेक्शन दिए जाते हैं जो ब्लैक फंगस में दिये जाते है। उन्होंने बताया कि अभी गुजरात और महाराष्ट्र में इस तरह के मामले ज्यादा आए हैं। अधिक नमी होना इसका एक बड़ा कारण है।
फेफड़े हुए खराब तो संक्रमण का अधिक खतरा
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना के नोडल अफसर और वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग ने बताया कि जिन मरीजों के फेफड़ों में पहले से खराबी है, उनमें इस फंगस के संक्रमण की आशंका ज्यादा होती है। फेफड़ों में कैविटी के अंदर बॉल बन जाने, पुरानी टीबी, एलर्जी होने से यह फंगस फेफड़े में अंदर तक पहुंच जाता है। कुछ मामलों में यह कोरोना के बाद देखा गया है।मेडिकल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. कुमार कॉल का कहना है कि अगर किसी भी तरह के लक्षण लगे तो तत्काल अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर के अनुसार बताई गई सभी जांच आवश्यक तौर पर करा लें। लापरवाही ना बरते।
अस्पताल से घर पहुंचे के 10 मिनट में फिर भर्ती होना पडा
कोविड से संक्रमित हुए एक युवक के आंखों और चेहरे में सूजन आने पर उसे दून मेडिकल अस्पताल में दिखाया। डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस का मरीज मानकर उन्हें भर्ती कर लिया। लेकिन विभिन्न जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद मरीज को अस्पताल से घर भेजा, तभी मरीज की एक अन्य जांच रिपोर्ट आई। जिसमे पता लगा कि युवक को एस्परजिलस नामक फंगस है। तो मरीज को 10 मिनट बाद ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
News Trendz आप सभी से अपील करता है कि कोरोना का टीका (Corona Vaccine) ज़रूर लगवाये, साथ ही कोविड नियमों का पालन अवश्य करे।
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