Uttarakhand: 2022 में उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग पार्टी में लगातार उठती जा रही है। हरीश रावत पहले ही चुनाव नही लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव बार-बार साफ कर चुके हैं कि इस बार किसी एक नेता को चेहरा नहीं बनाया जाएगा।
देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 2022 का विधानसभा चुनाव नही लड़ने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। बावजूद इसके आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की मांग कांग्रेस में लगातार उठती जा रही है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और राज्यसभा सांसद रह चुके महेन्द्र सिंह माहरा ने पुरजोर तरीके से हरीश रावत को सीएम का चेहरा बनाने की मांग कांग्रेस हाईकमान से की है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री माहरा का कहना है कि हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस के कद्दावर नेता होने के साथ ही जमीनी नेता भी हैं। हरीश रावत का गढ़वाल, कुमाऊं और तराई के इलाकों में खासा आधार हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले बनाती है तो तय है कि पार्टी को खासा लाभ मिलेगा।
महेन्द्र सिंह माहरा उत्तराखंड कांग्रेस में बड़ा नाम हैं। उत्तर प्रदेश के दौर में भी माहरा दो बार विधायक का चुनाव जीते थे। महेन्द्र सिंह माहरा उत्तराखंड में एन डी तिवारी सरकार में सूबे के पहले कृषि मंत्री भी बने थे। राज्य बनने के बाद माहरा दो बार लोहाघाट से विधायक चुने गए और 2012 में राज्यसभा सांसद भी बने।
महेन्द्र सिंह माहरा से पहले भी वर्तमान राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी हरीश रावत को चुनावी चेहरा बनाने की मांग कांग्रेस हाईकमान से कर चुके हैं। ये बात अलग है कि उत्तराखंड में हरीश रावत विरोधी गुट बार सामुदायिक लीडरशीप की बात कर रहा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव ने भी बार-बार ये साफ किया है कि किसी एक नेता को चेहरा बनाने के बजाय पार्टी कलेक्टिव लीडरशीप में विश्वास जता रही है। हालांकि जिस तरह से कांग्रेस के शीर्ष नेता हरीश रावत को सीएम का चेहरा बनाने की बार-बार वकालत कर रहे हैं, उससे ये साफ है कि कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।