Monday, April 14, 2025
Homeउत्तराखंडउत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में सोलर पंप से होगी जलापूर्ति, ट्रोल फ्री...

उत्तराखंड के दूरस्थ इलाकों में सोलर पंप से होगी जलापूर्ति, ट्रोल फ्री नंबर रहेंगे एक्टिव

देहरादून: उत्तराखंड में गंगा यमुना समेत तमाम नदियों का उद्गम स्थल है. बावजूद इसके गर्मियों के समय में प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में पानी की किल्लत उत्पन्न हो जाती है. जिससे चलते स्थानीय ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बार भी भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र पहले ही इस बाबत चेतावनी जारी कर चुका है कि इस बार भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार प्रदेश भर में पेयजल आपूर्ति के लिए ठोस रणनीति बनाने की कवायत में जुट गई है. राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर पंप के जरिए जलापूर्ति की जाएगी. इसके साथ ही पानी की बर्बादी ना हो इसके लिए प्रदेश भर में सघन अभियान भी चलाया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पेयजल आपूर्ति को लेकर जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक के दौरान सीएम ने राज्य के हर गांव और शहर में पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने की योजना में तेजी लाने, कम समय में ट्यूबवेल को रिप्लेस करने, फायर हाइड्रेट को सुचारू रखने, कैचमेंट एरिया में वनीकरण और चेक डैम बनाने, सारा के साथ तालमेल बनाकर स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने और जल संवर्धन की नीति तैयार करने, दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर पंप का प्रयोग कर जलापूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

सीएम धामी ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस साल अत्यधिक गर्मी होने की संभावना है. इसके लिए सभी डीएम पेयजल किल्लत वाले स्थानों को चिन्हित कर एक रोडमैप तैयार करें, कि किस तरह से उन क्षेत्रों में जलापूर्ति की जाएगी. इसके साथ ही स्कूलों, पंचायतों और सोशल मीडिया के जरिए जल बचाने का संदेश फैलाया जाए. सीएम ने कहा गर्मियों में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिए जंगलों में पेयजल योजनाओं से वाल्व बनाए जाएं जिससे आग को तत्काल बुझाया जा सकें.

साथ ही सीएम ने पेयजल के टोल फ्री नंबर को हर हाल में चालू रखने के निर्देश दिए. साथ ही टोल फ्री नंबर में दर्ज शिकायतों का समय से निस्तारण करने की भी बात कही. पानी का दुरुपयोग न हो इसके लिए सघन चेकिंग अभियान भी चलाया जाए. उन्होंने पानी की लीकेजों को चिन्हित कर तत्काल मरम्मत और मरम्मत के लिए बफर सामाग्री के साथ ही श्रमिकों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए.

सीएम ने कहा टेंकरों की निगरानी और प्रभावी व्यवस्था के लिए टेंकरों पर जीपीएस इनेबल सिस्टम की व्यवस्था हो. प्राइवेट टैंकरो के लिए पानी की दरें भी निर्धारित की जाएं. बरसात के जल को रोककर छोटे डैम और बैराज बनाए जाएंगे. इससे बरसात का पानी बर्बाद होने से बचेगा. गर्मियों के सीजन में जल का सदुपयोग हो पाएगा. इसके लिए सभी डीएम तीन हफ्ते के भीतर अपने जिलों के स्थलों को चिन्हित कर प्रस्ताव उपलब्ध कराएंगे. इसके साथ ही जिलों में सीरीज ऑफ चेक डैम बनाए जाने की भी योजना है.

 

 

 

RELATED ARTICLES
- Advertisement -spot_imgspot_img
- Download App -spot_img

Most Popular