कौन होगा वन विभाग का नया ‘बॉस’? रिटायर हो रहे समीर सिन्हा, प्रक्रिया हुई शुरू

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग को नया मुखिया देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. दरअसल प्रमुख वन संरक्षक हॉफ की जिम्मेदारी फिलहाल समीर सिन्हा सम्भाल रहे हैं. जिनकी सेवानिवृत्ति 30 नवंबर को होनी है. ऐसे में अब इस कुर्सी पर नया चेहरा कौन सा होगा इसके लिए डीपीसी की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस कड़ी में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने DPC को लेकर पद की सहमति दे दी है.

उत्तराखंड वन विभाग को जल्द ही नया मुखिया मिलने जा रहा है. इसके लिए पीसीसीएफ हॉफ पद के लिए DPC की जानी है.जिसकी सहमति केंद्र से दो जा चुकी है. 30 नवंबर को प्रमुख वन संरक्षक हाफ समीर सिन्हा सेवानिवृत होने जा रहे हैं. इससे पहले इसी साल जून महीने में समीर सिन्हा ने वन विभाग के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी. उन्हें ये जिम्मेदारी तत्कालीन हॉफ धनंजय मोहन के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद मिली थी.

उत्तराखंड के नए वन मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देने के लिए उत्तराखंड शासन ने केंद्र को 29 सितंबर को पत्र लिखकर डीपीसी के लिए सहमति चाही थी. इसके बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने एक दिन पहले ही 30 नवंबर को खाली होने वाले इस पद की सहमति दी है. साथ ही DPC के लिए उत्तर प्रदेश के पीसीसीएफ सुनील चौधरी को नामित भी कर दिया है.

हालांकि अभी डीपीसी की बैठक कब होगी, इसकी तारीख और समय तय नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के उत्तराखंड दौरे के बाद इसके लिए जरूरी कागजी कार्रवाई शुरू की जाएगी. उत्तराखंड शासन में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ पद के लिए डीपीसी होती है. जिसमें केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में किसी राज्य के पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी को नामित किया जाता है.

उत्तराखंड में अब तक सीनियरिटी के आधार पर ही हॉफ बनाए जाते रहे हैं. ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर देखे तो बीपी गुप्ता उत्तराखंड वन विभाग में सबसे वरिष्ठ IFS अधिकारी हैं. वे भी दिसंबर में सेवानिवृत हो जाएंगे.

प्रमुख वन संरक्षक हॉफ समीर सिन्हा नहीं बताया फिलहाल राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को बेहतर तरीके किस करने के लिए विभाग काम कर रहा है. नए हॉफ को लेकर डीपीसी का काम शासन स्तर पर होना है. जिसकी प्रक्रिया चल रही है.

उत्तराखंड वन विभाग में नए प्रमुख वन संरक्षक हॉफ पद पर बदलाव की स्थिति में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियो में भी बदलाव होना तय है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बदलाव के साथ दोहरे पद के अलावा खाली होने वाले पदों पर भी नए चेहरों को जगह देना विभाग के लिए जरूरी हो जाएगा.