नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट से फटकार खाने के बाद दिल्ली सरकार ने कल यानी शुक्रवार से सभी स्कूल बंद करने का फैसला किया है। इस बाबत दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली में कल से सभी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे।
गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण बढ़ रहा है जिस कारण से ये निर्णय लिया गया। अगले आदेश तक दिल्ली के सभी स्कूल बंद रखे जाएंगे। इससे पहले सीजेआई एन वी रमण ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई कि आपने स्कूल नहीं बंद किए। छोटे बच्चे स्कूल जा रहे हैं, अखबारों में आ रहा है। वहीं, आप सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करा रहे हैं और बच्चे स्कूल भेजे जा रहे हैं।
दिवाली के बाद से दिल्ली में वायु प्रदूषण की बेहद गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस वजह से दिवाली के बाद दिल्ली सरकार ने स्कूलों में फिजिकल क्लासेज बंद कर दी थीं, लेकिन 29 नवंबर से स्कूल फिर से खोल दिये गये और ऑफलाइन क्लास शुरू हो गईं। यही नहीं, इस दौरान कई स्कूलों में परीक्षाएं संचालित की जा रही थीं। अब 3 दिसंबर से फिर से स्कूल बंद रहेंगे, तो ऑफलाइन क्लासेज भी नहीं होंगी।
दिल्ली सरकार को इस वजह से भी लगी फटकार
यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए गुरुवार को कहा कि यह लोकलुभावन नारा होने के अलावा और कुछ नहीं है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की विशेष पीठ ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछली सुनवाई में घर से काम करने, लॉकडाउन लागू करने और स्कूल एवं कॉलेज बंद करने जैसे कदम उठाने के आश्वासन दिए थे, लेकिन इसके बावजूद बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वयस्क घर से काम कर रहे हैं।
पीठ ने कहा, ‘बेचारे युवक बैनर पकड़े सड़क के बीच खड़े होते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान कौन रख रहा है? हमें फिर से कहना होगा कि यह लोकलुभावन नारे के अलावा और क्या है?’
केजरीवाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इस पर पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह प्रदूषण का एक और कारण है, रोजाना इतने हलफनामे। इसके अलावा पीठ ने कहा, ‘हलफनामे में क्या यह बताया गया है कि कितने युवक सड़क पर खड़े हैं प्रचार के लिए? एक युवक सड़क के बीच में बैनर लिए खड़ा है। यह क्या है? किसी को उनके स्वास्थ्य का ख्याल करना होगा।’
इसके जवाब में सिंघवी ने कहा कि ये ‘लड़के’ नागरिक स्वयंसेवक हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरवील ने 21 अक्टूबर से 15 नवंबर तक के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम शुरू करते हुए कहा था कि यदि शहर में 10 लाख वाहन इस मुहिम में शामिल हो गए, तो एक साल में पीएम10 का स्तर 1.5 टन और पीएम 2.5 का स्तर 0.4 टन कम हो जाएगा। इस पहल के तहत, परिवहन विभाग के सरकारी अधिकारी, स्वयंसेवक और यातायात पुलिकर्मी यात्रियों से अनुरोध करते हैं कि वे हरी बत्ती जलने का इंतजार करते समय वाहन बंद कर दें। सरकार ने इस मुहिम की अवधि बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी थी।
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