दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही वंदे भारत मिशन और एयर ट्रांसपोर्ट बबल फ्लाइट्स के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedures – SOP) जारी कर दिया है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Civil Aviation Ministry) की गाइडलाइंस के मुताबिक, अब यात्रियों को अपना खर्च ही खुद ही उठाना होगा।
इस बदलाव को ले कर मिनिस्ट्री ने आगे कहा है कि बोर्डिंग के समय सभी यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) से गुजरना पड़ेगा। इसके साथ ही सिर्फ बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमित दी गई है।
यात्रा करने वाले व्यक्तियों की कैटेगरी को समय-समय पर गृह मंत्रालय द्वारा अनुमति दी जाएगी। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने अपनी वेबसाइट में कहा है कि भारत से बाहर यात्रा करने वाले व्यक्तियों की कैटेगरी प्रदर्शित की जाएगी। यात्रा के दौरान मास्क पहनना और सफाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक जिन लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी गई उन्हें अपनी पूरी डिटेल सिविल एविएशन एजेंसी या जिस एजेंसी को नियुक्त किया गया उसमें अप्लाई करना होगा। यह यात्रा नॉन-शेड्यूल्ड कमर्शियल (Non-Scheduled Commercial) फ्लाइट्स पर होगी।
इसके साथ ही इनबाउंड फ्लाइट के मामले में यात्रा करने वाले लोगों की कैटेगरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) द्वारा अनुमति दी जाएगी। गाइडलाइंस के मुताबिक, वंदे भारत फ्लाइट के यात्रियों को विदेश में भारतीय मिशनों के साथ खुद ही रजिस्टर्ड कराना होगा। जबकि एयर ट्रांसपोर्ट बबल के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की कोई जरूरत नहीं है।
यात्रियों को अपना खर्च खुद उठाना होगा:
भारत आने वाली फ्लाइट में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अपना खर्च उठाना होगा। जिनकी COVID-19 नेगेटिव रिपोर्ट आई है, उन्हीं पायलट और क्रू को उड़ान भरने की अनुमति दी गई है। SOP में आगे कहा गया है कि विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) सभी वंदे भारत यात्रियों का एक डेटा बेस तैयार करेगा, जिसे वो संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साश शेयर किया जायेगा।
यात्रियों से जुडी पूरी जानकारी राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी जाएगी:
SOP के मुताबिक सभी एयर ट्रांसपोर्ट बबल के तहत यात्रियों की पूरी जानकारी संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों के साथ शेयर किया जाएगा। इन फ्लाइट पर यात्रियों की पूरी जानकारी संबंधित राज्यों के एयरपोर्ट में भेजा जाएगा।