देहरादून: लोगो की दूसरी लहर से बदहाल स्वस्थ व्यवस्था अभी उभरी भी नहीं थी की तीसरी लहर की दस्तक से पहले ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ नर्सेंज ने वेतन कटौती पर नाराजगी जताते हुए 16 जुलाई से आंदोलन का अल्टीमेटम दे दिया है। उत्तराखंड नर्सेज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में महानिदेशक स्वास्थ्य डा तृप्ति बहुगुणा और निदेशक स्वास्थ्य डॉ एसके गुप्ता से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि छटवें वेतनमान के पे फिक्सेशन के नाम पर कई स्टाफ नर्सों के वेतन में कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि वेतन कटौती तत्काल बंद नहीं की गई तो राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ नर्सेज 16 जुलाई से आंदोलन शुरू कर देंगी।
उन्होंने कहा कि नर्सेज कोविड काल में मुश्किल हालातों में काम कर रही हैं और इसके बावजूद सरकार अब छटवें वेतनमान के फिक्सेशन के नाम पर वेतन कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान नर्सेज एसोसिएशन ने डिप्टी डायरेक्टर, नर्सिंग अधीक्षक सहित संवर्ग में विभिन्न पदों पर पदोन्न्ति अटकने, नियमित नर्सों की भर्ती न होने, उच्च शिक्षा के लिए जाने पर वेतन कटौती होने पर नाराजगी जताई। (Uttarakhand) उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द नर्सेज एसोसिएशन की सभी मांगों पर कार्रवाई की जाए अन्यथा नर्सेज संघ पूरे राज्य में आंदोलन शुरू करेगा। इस दौरान महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ तृप्ति बहुगुणा और निदेशक डॉ एसके गुप्ता ने उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिया। महानिदेशक से मिलने वालों में संघ की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला, महासचिव कांति राणा, इंदु शर्मा, वीर कौर, भारती राणा, पुरुषोत्तम त्यागी, रेखा बिष्ट और राजकुमारी आदि मौजूद थे।
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