रविवार के दिन सूर्य ग्रहण का सूतक, स्पर्श एवं मोक्ष का समय
लखनऊ: 21 जून को सूर्यग्रहण (Solar eclipse) लगने जा रहा है। भारत में दिखने वाला यह एक मात्र सूर्य ग्रहण होगा। 26 दिसंबर 2019 के बाद भारत में करीब 6 महीने के बाद ही लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। इस सूर्य ग्रहण का भी व्यापक असर देश और दुनिया पर दिखेगा। श्री काशी विश्वनाथ हृषीकेश पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण का आरंभ 21 जून 2020 रविवार की सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। इसका सूतक 20 जून 2020 शनिवार की रात 10 बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्य 12 बजकर 18 मिनट दोपहर पर होगा। इसका मोक्ष दोपहर 2 बजकर 4 मिनट पर होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 35 मिनट की रहेगी। यह अधिकांश भू-मंडल पर दिखाई देगा।
https://newstrendz.co.in/cinema/bollywood-actor-sushant-singh-rajput-sucide-today/
इस बार सूर्यग्रहण (Solar eclipse) के साथ एक और संयोग है। यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना का निर्माण कर रहा है। यह ग्रहण ऐसे दिन होने जा रहा है जब उसकी किरणें कर्क रेखा पर सीधी पडेंगी। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है।
यह सचमुच रोचक बात है कि पृथ्वी का चंद्रमा आकार में सूर्य में बहुत छोटा है। सूर्य इससे 400 गुना बड़ा है। जब ग्रहण घटित होता है तो दोनेां का आकार हमें पृथ्वी से देखने पर समान मालूम पड़ता है। तभी तो सूर्य पूरा ढंक जाता है। हालांकि दोनों का जो आभासीय आकार है, वह मात्र आधी डिग्री का ही है। सच्चाई यह है कि सूर्य चांद से 400 गुना बड़ा है, इसके बाद भी चांद सूर्य की किरणों को पृथ्वी पर आने से रोक देता है।
सूर्य ग्रहण को भूलकर भी खाली या नग्न आंखों से देखने की गलती नहीं करना चाहिये। यह आंखों के लिए बेहद नुकसानदायक है। इससे कुछ ही समय बाद आंखों की रोशनी जा सकती है। ग्रहण को देखने के लिए हमेशा सोलर चश्मा पहनें एवं जानकारों की सलाह के अनुसार ही सेफ डिवाइस का यूज करें।
*कंकणाकृति ग्रहण होने का यह है मतलब:-*
कंकणाकृति के ग्रहण के समय सूर्य किसी कंगन की भांति नज़र आता है। इसलिए इसे कंकणाकृति ग्रहण कहा जाता है। पिछली बार वर्ष 1995 के पूर्ण ग्रहण के समय ऐसा ही हुआ था।
*मिथुन राशि में लगेगा ग्रहण, 6 ग्रह होंगे वक्रीय:-*
आगामी 21 जून 2020 रविवार को लगने वाला सूर्यग्रहण (Solar eclipse) मिथुन राशि ( मृगशिरा नक्षत्र ) में लगेगा। विशेष बात ये है कि इस ग्रहण में सूतक काल मान्य होगा, जो कि ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लगेगा। इस सूर्य ग्रहण इस दिन 6 ग्रह वक्री होंगे जो कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ नहीं माना जा रहा है। हालांकि कंकणाकृति होने का अर्थ यह है कि इससे कोरोना का रोग नियंत्रण में आना शुरू हो जाएगा, लेकिन अन्य मामलों में यह ग्रहण अनिष्टकारी प्रतीत हो रहा है।
एस्ट्रो सोल्युशन पॉइंट
एस्ट्रो राजीव अग्रवाल
इटावा उत्तर प्रदेश
+91-9045128707, 9917661450
यह भी पढ़े:https://साल का पहला सूर्यग्रहण 21 जून 2020 को: जाने किस राशि पर पड़ेगा कितना प्रभाव