Monday, June 9, 2025
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जाने धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज की तारीखें और शुभ मुहूर्त

देहरादून: हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर  श्रीराम जी,सीता जी और लक्ष्मण जी के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाने का विधान है। इसकी शुरूआत धनतेरस से हो जाती है इसके बाद नरक चौदस अन्नकूट और भैय्या दूज का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य राजीव अग्रवाल ने बताया कि 5 त्यौहार के शुभ मुहूर्त जो 2/11/2021 दिन मंगलवार से प्रारम्भ हो कर 6/11/2021 दिन शनिवार तक चलेगे। जाने किस मुहूर्त पर पूजन करना होगा शुभ फलदाई।

विभिन्न पर्वों के दिवस एवं शुभ मुहूर्त:-

शुभ धनतेरस

1-धनतेरस-02/11/ 2021
दीपावली के पांच महापर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल यह पावन पर्व02 नवंबर 2021 को पड़ने जा रहा है। धनतेरस के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करने वाले धनवंतरि की विशेष पूजा काविधान है. इस दिन को किसी भी प्रकार का सामान आदि खरीदने के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस दिन प्रदोषकाल में यमराज के लिए चौमुखा दीपकमुख्य द्वार पर जलाया जाता है।
धनतेरस मुहूर्त – शाम 06 बजकर18 मिनट से लेकर रात के 08 बजकर 11 मिनट तक  ।
धनतेरस पर शुभ खरीदारी की अवधि :1 घंटे 52 मिनट तक
प्रदोष काल -17:35 मिनट से 20:11 मिनट तक।
वृषभ काल :18:18 मिनट से 20:14: मिनट तक।

2-नरक चतुर्दशी-03/11/21
दीपावली महापर्व का यह दूसरा दिन होता है. जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। यह पर्व इस साल 03/11/2021 दिन बुधवार को मनाया जाऐगा । नरक से जड़े दोष से मुक्ति पाने केलिए शाम के समय द्वार पर दिया जलाया जाता है,मान्यता यह भी है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था, इसलिए उनके भक्त इस दिन विधि-विधानसे उनकी जयंती मनाते हैं।
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करके 16,100 कन्याओं को उसके चंगुल से मुक्त कराया था. इस पर्व को रूप चौदस भी कहते हैं । मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्तमें उठकर उबटन लगाकर स्नान करने से रुप एवं सौंदर्य में वृद्धि होती हैइस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती हैघर के कोनोंमें दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है

3 – दीपावली-04/11/2021
दीपों से जुड़ा महापर्व दीपावली का पावन पर्व इस साल 0 4/11/2021 दिन गुरूवार  को मनाया जायेगा।इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि के देवता गणपति, धन के देवता कुबेर के साथ महाकाली की पूजा का विधान है।  सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इन सभी देवी-देवताओं की रात्रि में साधना-आराधना की जाती है और उनके स्वागत में विशेष रूप से दीप जलाए जाते हैं।
दीपवाली और लक्ष्मी पूजा तिथि
गुरुवार, 04/11/2021
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : 18:10:28 से 20:06:18 तक
अवधि : 1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल :17:34:09 से 20:10:27 तक
वृषभ काल : 18:10:28 से 20:06:18 तक
दीपवाली महानिशीथ काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त : 23:38:52 से 24:30:58 तक
महानिशीथ काल : 23:38:52 से 24:30:58 तक
सिंह काल : 24:42:01 से 26:59:43 तक
दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातःकाल मुहूर्त्त (शुभ) :06:34:58 से 07:57:21 तक
प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत): 10:42:09 से 14:49:21 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल): 16:11:45 से 20:49:32 तक
रात्रि मुहूर्त्त (लाभ): 24:04:55 से 25:42:37 तक

4 – गोवर्धन पूजा-05/11/2021
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है. इस साल यह गोवर्धन पूजा कापर्व 05/11/2021 दिन शुक्रवार को पड़ने जा रहा है।
इसे अन्नकूट उत्सव भी कहते हैं।इस दिन घर की गाय और अन्य जानवरों के साथ गोवर्धन की पूजा का बहुत महत्वहैइस दिन घरोंएवं मंदिरों आदि में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजे जाते हैं।
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी किया जाता है इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है।
 गोवर्धन पूजा- 05 नवंबर 2021
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त –
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त :- 06:35 मिनट से 08:47 मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 11 मिनट
गोवर्धन पूजा का सायंकाल मुहूर्त :15: 21 मिनट से 17:33 मिनट तक
अवधि : 2 घंटे 11 मिनट


5 -भाई दूज -06/11/2021
गोवर्धन पूजा के अगले दिन भैयादूज का पर्व मनाया जाता है। इस साल भाई और बहन के प्रेम का  प्रतीक माना जाने वाला यह पावन पर्व 06/11/2021 दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन यदि संभव हो तो यमुना में जाकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव न होतो नहानेके पानी में यमुना जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों को टीकाकरती हैं और भाई उसके बदले मेंउन्हें उपहार देता है। भाई दूज पांचदिवसीय दीपावली पर्व का आखिरी दिन का त्योहार होता हैभाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष कीद्वितीया तिथि को मनाया जाता है इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं मांगती हैं इस त्योहार को भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है।
भाई दूज का मुहूर्त :-
भाई दूज तिलक का समय : दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 21 मिनट तक ।

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