Friday, March 29, 2024
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कई राज्यों में था अनिल दुजाना का आतंक, कुछ दिन पहले ही आया था जेल से बाहर

मेरठ/लखनऊ: स्पेशल टास्क फोर्ट (STF) के साथ मुठभेड़ में गुरुवार को मारा गया गैंगस्टर अनिल दुजाना (Anil Dujana) का उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ ही कई राज्यों में आतंक था। वह कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आया था, तभी से एसटीएफ उसकी तलाश में जुटी थी। डीजी स्पेशल कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।

गौतमबुद्ध नगर जिले के दुजाना गांव निवासी अनिल दुजाना (Anil Dujana) उर्फ अनिल नागर का अच्छा-खासा आपराधिक इतिहास है। उसकी कुख्यात सुंदर भाटी से जानी दुश्मनी थी। गुरुवार को एसटीएफ मेरठ यूनिट को अनिल दुजाना के मेरठ में अपने साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की जानकारी मिली थी। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने अनिल दुजाना के मारे जाने की पुष्टि की है।

एसटीएफ मेरठ यूनिट के एएसपी बृजेश सिंह ने अपनी टीम के साथ जानी थाना क्षेत्र में गंग नहर भोला झाल पर उसकी घेराबंदी कर ली। खुद को घिरा देखकर अनिल दुजाना पुलिस पर फायरिंग करते हुए फरार होने की कोशिश कर रहा था। एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में उसे गोली लग गयी। घायल अवस्था में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जानी में ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अनिल दुजाना पर हत्या, रंगदारी, फिरौती आदि के 60 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। अनिल दुजाना पर पहला मुकदमा 2002 में गाजियाबाद के कविनगर थाने में हरबीर पहलवान की हत्या का दर्ज हुआ। इसके बाद तो उस पर दर्ज मुकदमों की लंबी सूची हो गयी।

डीजी स्पेशल कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अनिल दुजाना अभी कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा था, वो अपने साथियों से मिलने बागपत से मुजफ्फरनगर जा रहा था। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने क्षेत्र में घेराबंदी की। खुद को घिरा पाकर बदमाशों ने 15 से 20 राउंड फायरिंग की। एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाई में गाेली चलाई, जिसमें कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना घायल हुआ। इस दौरान उसके अन्य साथी फरार हो गए। उसको अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। एसटीएफ ने घटनास्थल से चार पहिया वाहन और उसमें रखी पिस्टल एवं भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए हैं।

उन्होंने बताया कि अनिल दुजाना उन 66 माफिया की सूची में था जो मुख्यालय से जारी की गई थी। जेल से छूटने के बाद ही वह एक परिवार को धमका रहा था और पूर्व में ही उसी परिवार के दो लोगों की हत्या की थी। अनिल ने एनसीआर, नोएडा, बुलंदशहर, दिल्ली, मेरठ में सबसे ज्यादा आपराधिक वारदात की थी। उसके गैंग में चालीस से पैंतालिस लोग शामिल थे। गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी करोड़ों की सम्पत्ति भी जब्त की गई।

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