Sunday, February 16, 2025
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बारिश थमी मगर बाढ़ से राहत मिलना बाकी

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में बारिश (Rain) का सिलसिला थमने के बावजूद बाढ़ (Flood) का प्रकोप अभी बना हुआ है। मथुरा में यमुना के जलस्तर पर गिरावट जारी है मगर नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं वहीं बदायूं व फर्रुखाबाद में गंगा नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में मौसम आमतौर पर शुष्क रहा हालांकि उमस बढ़ने से लोग पसीने से परेशान दिखे। पिछली एक जून से अब तक राज्य में 260.7 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा 266.2 मिमी के सापेक्ष 98 प्रतिशत है।

प्रदेश के 15 जिलों में अत्यधिक वर्षा (60 प्रतिशत अधिक), सात जिलों में अधिक वर्षा (20 से 59 प्रतिशत अधिक), 21 जिलों में सामान्य वर्षा (सामान्य से 20 प्रतिशत कम या 20 प्रतिशत अधिक वर्षा), 27 जिलों में कम वर्षा (20 से 59 प्रतिशत कम) तथा पांच जिलों में अत्यधिक कम वर्षा (60 से 99 प्रतिशत कम) दर्ज की गयी है। राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घण्टे में प्रदेश के किसी भी जिलें में 30 मिमी या उससे अधिक वर्षा दर्ज नहीं की गयी है। प्रदेश के सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं। कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है।

सिंचाई विभाग के अनुसार प्रदेश में गंगा नदी बदायूं व फर्रुखाबाद में तथा यमुना नदी मथुरा में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों के 385 गांव बाढ़ (Flood) से प्रभावित है। वर्षा प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफ की सात, एसडीआरएफ की पांच तथा पीएसी की आठ टीमें कार्यरत हैं। उन्होने बताया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में डूबने से दस लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि सर्पदंश से दो तथा अतिवृष्टि से एक जनहानि हुई हैं। इनमें डूबने से रामपुर में पांच, हरदोई में चार, फर्रुखाबाद में एक, सर्पदंश से बांदा एवं गाजीपुर में 01-01 तथा अतिवृष्टि से मैनपुरी में एक जनहानि हुई है।

राज्य में अब तक कुल 9,583 ड्राई राशन किट, 98,098 लंच पैकेट तथा साथ ही 1,250 डिगनिटी किट भी वितरित किए गए हैं । प्रदेश में अब तअक 792 बाढ़ शरणालय, 144 पशु शिविर जिसमें चारे आदि की पर्याप्त व्यवस्था तथा 1,52,743 पशु टीकाकरण, 413-बाढ़ (Flood) चौकियाँ, 284-मेडिकल टीम गठित/स्थापित की गई है। इसके अतिरिक्त 116 नावों को भी बचाव राहत कार्यों हेतु उपयोग में लाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 2,000 गौशालाओं के 3,72,643 जानवरों एवं अन्य जानवरों के लिये भी पर्याप्त चारे की व्यवस्था की गई है।

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