Sunday, December 15, 2024
spot_imgspot_img
spot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशआधुनिक तकनीक के प्रयोग से प्रदेश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने...

आधुनिक तकनीक के प्रयोग से प्रदेश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मिलेगी सहायता

लखनऊ: प्रदेश के नगरीय निकायों के कचरे के निस्तारण में सहयोग प्रदान करने के लिए एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) और नगर विकास विभाग के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा जी की उपस्थिति में स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. नितिन बंसल और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रेणु नारंग द्वारा एमओयू पर आधिकारिक हस्ताक्षर किये गये।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि इस एमओयू (MOU) से नगरीय निकायों को स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को जैसे कि कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से पूर्णतः निस्तारण, संवहनीयता एवं वेस्ट-टू-वेल्थ को पूरा करने में सहयोग मिलेगा। प्रदेश में एनवीवीएन द्वारा वेस्ट-टू-चारकोल प्लान्ट की स्थापना एक नवीनतम प्रयास होगा, जिसके माध्यम से ग्रीन चारकोल का उत्पादन किया जायेगा। उत्पादित ग्रीन चारकोल का उपयोग विद्युत उत्पादन में भी किया जायेगा। इस आधुनिक तकनीक के प्रयोग से न केवल कचरे का पूर्ण निस्तारण होगा, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट (Carbon footprint) को कम करने में भी सहायता मिलेगी। साथ ही यह पर्यावरण अनुकूल एक अग्रणी कदम भी होगा। उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य हस्ताक्षरित इस एमओयू के माध्यम से सहयोगात्मक शहरी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। यह एमओयू उत्तर प्रदेश में क्लाइमेट रेसीलिन्स (Climate Resilience) और प्रभावी अपशिष्ट प्रबन्धन पर जोर देते हुए सतत शहरी विकास के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नगर विकास विभाग और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य नगर विकास मंत्री की उपस्थिति में आज जल निगम फील्ड हॉस्टल ‘संगम’, लखनऊ में समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ।

नगर विकास विभाग और एनवीवीएन के मध्य हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का उद्देश्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकास के लिए सहयोगात्मक प्रयास करना है। साथ ही नगर विकास विभाग के साथ मिलकर शहरों के सतत विकास के लिए वेस्ट-टू-चारकोल प्लान्ट की स्थापना भी करना है। इस एमओयू (MOU) के माध्यम से एनवीवीएन उत्तर प्रदेश के नगरीय निकायों से निकलने वाले कचरे का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण करेगा और निकायों में वेस्ट-टू-चारकोल प्लान्ट की स्थापना भी एनवीवीएन द्वारा स्वयं अपने व्यय से की जाएगी। प्लांट से उत्पादित ग्रीन चारकोल का उपयोग एनवीवीएन द्वारा विद्युत निर्माण में किया जायेगा।

इस दौरान स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. नितिन बंसल और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रेणु नारंग, श्रीविजय कुमार, अंजनी कुमार सिंह, दीपक कुमार श्रीवास्तव सहित स्वच्छ भारत मिशन टीम के सदस्य भी उपस्थित रहें।

यह भी पढ़े: सौर ऊर्जा से चलेगा ट्यूबवेल, बिजली की होगी बचत

RELATED ARTICLES

Video Advertisment

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Download App -spot_img

Most Popular