लखनऊ: कोरोना संक्रमण (Coronavirus in UP) के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र बेसिक शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इस साल यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग नहीं बांटेगा। इसकी जगह इनका पैसा सीधे माता-पिता के अकाउंट में भेजे जाने (DBT) पर विचार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को एक बार फिर कैबिनेट में रखा जाने वाला है। कोरोना के चलते सुरक्षा की दृष्टि से इस नए शैक्षिक सत्र के लिए ये प्रस्ताव बना लिया गया है। हालांकि बता दें कि पिछले साल भी योगी सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया था हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे नामंजूर कर दिया था। इस बार कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए योगी सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग ने जो प्रस्ताव भेजा है उसके मुताबिक डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सीधे माता-पिता के खाते में पैसा भेजना ज्यादा सुरक्षित है। विभाग का मानना है कि यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग बांटने से स्कूलों में भीड़ इकठ्ठा हो सकती है। विभाग इस प्रस्ताव से 1.58 करोड़ प्राइमरी स्टूडेंट्स को सीधा फायदा होने वाला है। राज्य सरकार दो जोड़ी यूनिफॉर्म, एक जोड़ी जूता, स्वेटर, जूते-मोजे और स्कूल बैग निशुल्क देती है। सरकार इस पर हर साल करीब 1800 करोड़ रुपए खर्च भी करती है।
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