लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश के बसपा अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है। उन्होंने आजमगढ़ मंडल के जोनल कोऑर्डिनेटर मऊ निवासी भीम राजभर को प्रदेश की कमान सौंपी है। मायावती ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी है। बसपा सुप्रीमो के इस कदम को यूपी (UP) में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है।
मायावती ने आजमगढ़ मंडल के जोनल को-आर्डिनेटर और मऊ के रहने वाले भीम राजभर को बहुजन समाज पार्टी, उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाया है। इसके पहले तक मुनकाद अली इस पद पर थे। मायावती के इस कदम को बसपा की राजभर वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में राजभर वोट बैंक निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
यूपी में अति-पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में राजभर समाज के पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़े पुराने, कर्मठ एवं अनुशासित सिपाही श्री भीम राजभर, निवासी ज़िला मऊ (आज़मगढ़ मण्डल) को बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनको हार्दिक बधाई व शुभकामनायें।
— Mayawati (@Mayawati) November 15, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने दीपावली के दूसरे दिन यानी गोवर्धन पूजा के दिन बड़ा धमाका किया है। मायावती ने बसपा के प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के साथ ही इसकी सूचना ट्विटर पर दी है। मऊ के भीम राजभर को मुनकाद अली के स्थान पर बसपा उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाया है।
पूर्व में राजभर समाज से ही अंबेडकर नगर के रामअचल राजभर पार्टी के वर्षों प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे वरिष्ठ नेता के बसपा छोड़ने के बाद मुस्लिम समाज को अपने साथ जोड़ने के लिए ही मायावती ने मुनकाद अली को अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी थी। हाल ही के राज्यसभा चुनाव के दौरान सपा को हराने के लिए भाजपा के साथ जाने में गुरेज न करने जैसे बयान से मुस्लिम समाज के फिलहाल पार्टी से दूर ही जाने की आशंका के मद्देनजर बसपा सुप्रीमो ने अब पिछड़े समाज को अपने से जोड़ने पर ज्यादा फोकस करने के लिए अब यह दांव चला है। बता दें कि राज्य में पिछड़ों की ठीक ठाक आबादी होने के कारण सभी दलों की नजर इन पर हैं। भाजपा सहित अन्य प्रमुख दल के प्रदेश अध्यक्ष इसी समाज से हैं।
2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ले कर सभी राजनीतिक दलों ने जातीय समीकरण पर फोकस करना शुरू कर दिया है।