देहरादून: उत्तराखंड Uttarakhand में चकराता, कालसी,साहिया, जौनसार-बावर के प्रसिद्ध पर्व बिस्सू का मंगलवार को फुलियात के साथ आगाज हुआ। पहले दिन ग्रामीण जंगलों से बुरांस के फूल लाए और घरों को सजाया। दिनभर देव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। ग्रामीणों ने देवताओं को बुरांश के फूल अर्पित कर मन्नतें मांगी। देर रात तक गांव-गांव में पर्व का उल्लास बिखरा रहा।
मंगलवार सुबह से ही क्षेत्र में फुलियात पर्व की रंगत देखने को मिली। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने जंगलों से बुरांश के फूल लाकर अपने ईष्ट देवताओं को अर्पित किए। क्षेत्र स्थित थैना महासू देवता मंदिर, कनबुआ, समोग, खमरौली, भंजरा, बमराड़, बिसोई, पंजिया आदि मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आवागमन बना रहा। इस दौरान श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ देव पालकियों और डोरियों को मंदर प्रांगण में बाहर भी निकाला गया। देव दर्शन के दौरान पूरा माहौल महासू देवता के जयकारें से गूंजायमान बना रहा। गांवों में ग्रामीणों ने पारंपरिक व्यंजन बनाकर दावतों का लुत्फ भी उठाया। बावर क्षेत्र में भी मंगलवार को बिस्सू पर्व की धूम रही। देवघार, बावर, शिलगांव, फनार, लखो, बाणाधार, कइलो, मशक, दूनोऊ आदि खतों में सुबह से ही फुलियात पर्व की रंगत देखने को मिली।
महासू देवता की पालकी को कराया शाही स्नान
खत फरटाड़ के महासू देवता मंदिर लखस्यार में मंगलवार को देव दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रात:काल पूजा अर्चना के बाद देव पालकी और चिन्हों को मंदिर से बाहर निकाला गया। जिसके बाद श्रद्धालु देव पालकी को शाही स्नान कराने हरिपुर स्थित यमुना घाट पहुंचे। उत्तराखंड Uttarakhand में महासू देवता के जयकारों के बीच देव पालकी को स्नान कराने के बाद पुन: मंदिर में विराजमान कराया गया। मौके पर पंडित शंकरदत्त उनियाल, विद्यादत्त, विक्रम सिंह, आमिर चौहान, पुनीत चौहान, अजीत तोमर, सुखपाल सिंह, प्रवीन सिंह, मनोज आदि मौजूद रहे।