देहरादून: उत्तराखंड Uttarakhand के चमोली जिले में विगत सात फरवरी को आई ऋषिगंगा आपदा को दो महीने बीत चुके हैं।आपदा प्रभावित तपोवन क्षेत्र में अभी भी लापता लोगों के शव मिलने का सिलसिला जारी है।मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार को आपदा के दो माह बाद तपोवन क्षेत्र से एक और शव बरामद हुआ है। इसके बाद कुल मृतकों की संख्या 78 हो गई है। अभी भी एनटीपीसी के बैराज और सुरंग के अंदर सर्च ऑपरेशन जारी है।
ऋषि गंगा की जलप्रलय में अभी तक अलग-अलग स्थानों से 78 शव और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं, जबकि अभी भी 127 लोग लापता चल रहे हैं। ऋषि गंगा की आपदा में 205 लोग लापता हो गए थे। तपोवन के रैंणी में लापता लोगों की तलाश बंद हो चुकी हैं। मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ एवं पुलिस की टीम नहीं दिखाई दे रही है। राहत के नाम पर सिर्फ बीआरओ के दिहाड़ी मजदूर हैं, जो ऋषि गंगा नदी से पत्थर निकालकर दीवार बनाने का काम कर रहे हैं। हिमालय बचाओ जन समिति का आरोप लगाया था कि ऋषिगंगा मेें मची तबाही के बाद तपोवन एवं रैणी क्षेत्र में खास राहत कार्य नहीं हो रहे हैं।
उत्तराखंड Uttarakhand के चमोली जिले के तपोवन एवं रैणी क्षेत्र का भ्रमण कर वापस लौटे हिमालय बचाओ जन समिति के सचिव डा. मुकेश सेमवाल ने प्रेस को जारी बयान में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि समिति की टीम ने क्षेत्र का दूसरी बार दौरा किया है।
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