देहरादून: जहां एक तरफ 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण कर देशभर में राजनेताओं से लेकर फिल्मी जगत, समाजसेवी हर किसी ने पर्यावरण को बचाने की अपील की वही स्वयं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने भी वृक्षारोपण कर लोगो से पर्यावरण सुरक्षित रखने की बात कही थी, लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कुछ ऐसे भी लोग है जो हरा भरा कई साल पुराना फलदार वृक्ष काट कर पर्यावरण को क्षति पहुंचें का काम कर रहे है।
घटना है देहरादून के नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 41 इंदिरापुरम कॉलोनी की, यहां वर्षो पुराना हरा भरा फलदार पेड़ सिर्फ इसलिए काट दिया गया क्योंकि वो पेड़ अशुभ होता है और यह बात हम नही बोल रहे खुद वहा के पार्षद पति बोल रहे है। इनकी इस बात से आप देश में फैले अंधविश्वास का अंदाजा लगा सकते है।
जहां पढ़े लिखे जनप्रतिनिधि पर अंधविश्वास का प्रभाव इस कदर हावी है कि वह वर्षो पुराने फलदार वृक्ष को कटवा देते है तो वही दूसरी तरफ सिर्फ सोशल मीडिया व अखबारों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए वृक्षारोपण कर तस्वीरें खिचवाते है।
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एक तरफ तो हम वृक्षारोपण करने और पर्यावरण बचाने की बात करते है तो वही दूसरी तरफ अपने अंधविश्वास के चलते हरे भरे वृक्ष को कटवा देते है।
अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ जब केंद्र की बीजेपी सरकार तथा राज्य की बीजेपी सरकार पर्यावरण को बचाने की बात करते है तो वही दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी के पार्षद पति जो की पूर्व में खुद भी पार्षद रह चुके है सिर्फ अपने अंधविश्वास के चलते एक हरे भरे फलदार वृक्ष को कटवा देते है तो क्या उन पर और उनके साथ इस तरह पेड़ काटने वालो पर कोई कार्यवाही होगी या सत्ताधारी होने का लाभ ले कर वह आगे भी ऐसी ही हरकते करते रहेंगे।
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