(LAC) पर हिंसक झड़प को लेकर गलवान घाटी में हालात तनावपूर्ण मेजर जनरल स्तर की बातचीत आज फिर शुरू हुई सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया।
दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक झड़प को लेकर गलवान घाटी में हालात तनावपूर्ण हैं। भारत-चीन (India-China) केबीच तनाव को कम करने के लिए बुधवार को तीन घंटे वार्ता चली थी लेकिन वह भी बेनतीजा रही थी। मेजर जनरल स्तर की बातचीत आज फिर शुरू हुई।
फ़िलहाल बातचीत यह सुनिश्चित करने के लिए हो रही है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी गलवान घाटी से अपने सैनिकों को वापस हटाए और सभी मिलिट्री ग्रेड टेंट्स वहां से हटा ले, जिनमें चीनी सैनिक रहते हैं। दोनों सेनाओं के बीच गलवान नदी के दक्षिणी तट पर हुआ सोमवार रात हिंसक झड़प हुई थी। यह नदी पूरब से पश्चिम की ओर बहती है और श्योक नदी में जाकर मिल जाती है। इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
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दोनों सेनाओं ने संघर्ष स्थल पर सैनिकों की फिर से तैनाती कर दी है उधर सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने चीनी समकक्षों से स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें हर हाल में पीछे हटना होगा। भारतीय सेना की 3 डिविजन के कमांडर, मेजर जनरल अभिजीत बापट ने चीनी अधिकारियों के समक्ष बातचीत के दौरान, 15-16 जून की दरम्यानी रात की घटना के संबंध में कई बिंदु उठाए।
थल सेना, नौसेना, वायुसेना ने बढ़ाई सीमा पर चौकसी: लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है ।
Major General-level talks to be held today at 10:30 am to resolve the issues related to the violent face-off in Galwan area on June 15-16: Indian Army sources pic.twitter.com/vCAMZzZedr
— ANI (@ANI) June 18, 2020
सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है ।