देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार ने चुनाव आचार संहिता से ठीक पहले उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सामने आकर सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की आशंका पहले से ही थी कि चुनाव से ठीक पहले सरकार उनके खिलाफ कुछ एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल कमिश्नर ने जून 2021 में ही संपूर्ण जांच पूरी कर दी थी और जांच में कहीं भी भ्रष्टाचार की कोई बात नहीं लिखी गई है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सत्ता के दुरुपयोग करते हुए और राजनीतिक बदले की भावना से धामी सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर निर्वाचित जनप्रतिनिधि के खिलाफ यह फैसला लिया है।
दीपक बिजल्वाण का कहना है कि कांग्रेस ज्वाइन करने की महक 3 दिन के भीतर मुझ पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर मुझे पद से हटाने का फरमान सुना दिया गया है जबकि गढ़वाल कमिश्नर की अंतिम विस्तृत जांच में मुझे दोषी नहीं पाया गया। दीपक बिजल्वाण ने बताया कि उच्च न्यायालय नैनीताल में दिए गए अपने शपथ पत्र में इसे स्वीकार किया है कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं अध्यक्ष द्वारा नहीं पाई गई है। ऐसे में अब वो कानूनी लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए जाने के विरोध में वह अब उच्च न्यायालय की शरण में जा रहे हैं।
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