रायबरेली: आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना (ARDiKa ) रायबरेली ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 1684 कोचों का उत्पादन कर रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए लक्ष्य को प्राप्त किया है। अधिकृत प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि इन 1684 कोचों में विभिन्न प्रकार के कोच हैं जिसमें पहली बार निर्मित मेमू के आठ कोच, वातानुकूलित 3टीयर के 240 कोच, 2टीयर के 202 कोच, 3टीयर इकोनोमिक के 271 कोच, दीनदयालु के 332 कोच, पार्सलवैन, तेजस के 58 कोच, एसी चेअरकार, स्लीपर के 341 कोच, भारत गौरव आदि कोचों का निर्माण किया गया है, निर्मित कोचों में 953 एसी कोच तथा 731 नॉन एसी कोच है। कुल उत्पादित कोचों में से 57 प्रतिशत वातानुकूलित कोच हैं, जो निर्माण कार्य की दक्षता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
उन्होने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान आरेडिका ने दीनदयालु के 332 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष 2022-23 में बने 46 कोच से लगभग छह गुना से अधिक है, स्लीपर के 341 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष में बने 190 कोच से 1.5 गुना से अधिक है तथा तेजस के 58 कोचों का निर्माण किया है जो पिछले वर्ष में बने 30 कोच से 2 गुना है।
पहली बार आरेडिका (ARDiKa ) में इस वर्ष अपने उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि कर एक नये चरण में प्रवेश किया। जिसमें 3-फेज मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (मेमू) का निर्माण कर उत्तर पूर्वी रेलवे के लिए भेजा गया इसमें जीपीएस एवं ऊर्जा दक्ष एलईडी वाले 6 टीसी एवं 2 डीएमसी कोच सहित कुल 8 कोच लगे हैं। 3-फेज मेमू में अत्याधुनिक मल्टीफंक्शन व्हीकल बस (एमवीबी) आधारित ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) है जो उन्नत नियंत्रण सुविधाएँ प्रदान करता है, यह 3-फेज मेमू ट्रेन 110 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिजाइन की गई है। टीसी कोचों में 84 यात्रियों के बैठने तथा 241 यात्रियों के खड़े होने एवं डीएमसी कोचों में 55 यात्रियों के बैठने तथा 171 यात्रियों के खड़े होने की व्यवस्था की गयी है
प्रवक्ता ने बताया वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान आरेडिका ने भारतीय रेल के साथ-साथ मोजाम्बिक रेलवे के लिए भी 11 कोचों का उत्पादन करके अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कदम को आगे बढ़ाया है। इन निर्माण कार्यों के कारण आरेडिका की कीर्ति विश्व पटल पर स्थापित हुई है।
आरेडिका के महाप्रबंधक प्रशान्त कुमार मिश्रा ने बताया कि उत्पादन का यह लक्ष्य आरेडिका के सभी प्रधान मुख्य विभागाध्यक्षों के नेतृत्व और टीम एमसीएफ के कोच उत्पादन के प्रति समर्पण की भावना से संभव हुआ है। इस वर्ष का उत्पादन पिछले वित्तीय वर्ष के उत्पादन 1461 से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है।